पढें: मां की जान बचाने को विदेश से बेटी ने लगाई गुहार, बोली किसी तरह मेरी मां को बचा लो वहीं दूसरे केस में रविन्द्र कुमार पंचायत चुनाव की ड्यूटी कर लौटे चाचा को बुखार आया। ऑक्सीजन लगाए उन्हे अस्पताल से अस्पताल भटकते रहे लेकिन भर्ती नही किया गया। हालत बिगड़ने पर हैलट इमरजेंसी लाए। यहां इलाज के अभाव में मौत हो गई। बाद में शव के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिल सकी। गोविंदनगर की रचना बुखार से पीड़ित अपनी मां को हैलट इमरजेंसी लाई, उन्हे सांस लेने में तकलीफ थी। रचना ने बताया स्ट्रेचर पर लेटे लेटे उनकी मौत हो गई। किसी ने भर्ती नही किया। जिसके बाद वह बेहोश हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कुछ ऐसे हालात इस समय हैलट के देख स्वास्थ सेवाएं नाकाफी बताई जा रही हैं।