आईएमए भवन में डॉ. राजेश पुरी ने नई कोलेजियोस्कोपी मशीन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह मशीन पित्ताशय से जुड़ी बीमारियों का आसानी से पता लगा सकती है। इससे समय रहते बीमारी को शुरुआती स्तर पर ही पहचाना जा सकता है, जिससे समय से इलाज शुरू हो सकता है और बीमारी को खत्म करने में आसानी होगी। अभी तक इंडोस्कोपी से जांच होती है, पर उसमें बीमारी का पता तभी चलता है जब वह बढ़ चुकी होती है।
डॉ. पुरी ने बताया कि इस मशीन के जरिए पित्ताशय की बड़ी पथरी को तोड़कर निकाला जा सकता है। नई कोलेंजियोस्कोपी मशीन से पैंक्रियाज की नली में पथरी को भी तोड़ा जा सकता है। पथरी के टुकड़ों को निकालना आसान होता है। इसमें ४० हजार रुपए का खर्च हो रहा है।
नई कोलेंजियोस्कोपी मशीन से सिर्फ पित्ताशय पथरी की ही जांच नहीं होती बल्कि इससे पित्ताशय के कैंसर को भी शुरुआती चरण में पकड़ा जा सकता है। समय पर कैंसर का पता चलने पर उसका समय से इलाज शुरू हो सकता है और मरीज का जीवन बचाया जा सकता है।