इस घटना के बाद तीनों शव के पोस्टमार्टम में मौत का समय शुक्रवार रात करीब दो बजे माना गया है। जबकि पहले घटना शनिवार तड़के मानी जा रही थी। हत्या की घटना को अंजाम देते समय आखिर किसी को कोई चीख या शोरगुल क्यों नहीं सुनाई दिया यह सवाल भी कौंध रहा है। इसलिए घर में खाना भरे रखे टिफिन पर भी पुलिस आशा भरी नजर से देख रही है। कि आखिर चापड़ और लोहे की राड से वार और गला रेतकर नृशंस हत्याओं पर किसी ने चीखें क्यों नहीं सुनीं? क्यों किसी को वारदात का पता नहीं चल सका? ऐसा माना जा रहा है कि जहरीला पदार्थ खिला सबको अचेत करने के बाद हत्याएं की गईं होंगी। अचेत होने के चलते कोई चीख तक नहीं सका।
कारोबारी के घर पर मिले टिफिन से जांच को नई दिशा मिलने की पुलिस उम्मीद कर रही है। विशेषज्ञों की टीम को यकीन है कि प्रेम किशोर के बेहद करीबी ने वारदात को अंजाम दिया है। वह बहाने से घर आया और अपने साथ खानपान का सामान भी लाया था। संभवत: खाना खाने के बाद दंपती अचेत हो गए होंगे। अचेत होने के कारण दंपती व उनका बेटा विरोधाभास में शोरगुल नहीं कर पाए। तब हमलावरों ने चापड़ से सिर, चेहरे पर वार करके दंपती की हत्या की और बेटे के सिर पर भारी वस्तु से वार करके गला कसने के साथ गर्दन मरोड़ दी। हमले के दौरान प्रेम किशोर ने आधी बेहोशी की हालत में संघर्ष किया होगा। ऐसे में हत्यारे उन पर हावी रहे होंगे।