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जू में कोबरा के दिखने से मचा हड़कंप,बेजुबानों को बना रहा अपना शिकार

locationकानपुरPublished: Aug 24, 2018 03:36:19 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

तीन साल के बाद फिर दी दस्तक, जू प्रशासन ने पकड़ने के लिए चलाया अभियान

Two deer deaths due to cobra snake bites zoo in kanpur hindi news

जू में कोबरा के दिखने से मचा हड़कंप,बेजुबानों को बना रहा अपना शिकार

कानपुर। पिछले कई सालों से कोबरा प्रजाति का सांप कानपुर में नहीं दिखा और खुद वन्य विभाग से इस प्रजाति के विलुप्त होने की बात कह चुका है। लेकिन आजादनगर स्थित बनें चिड़ियाघर में इस पर कर्मचारियों की नजर पड़ी तो हड़कंप मच गया। कोबरा ने तीन दिन के अंदर दो हिरनों को अपना शिकार बना डाला। साथ ही अन्य वन्यजीवों के बाड़ों के अंदर दाखिल होते हुए भी कर्मचारियों ने देखा। इसी के बाद जू प्रशासन कोबारा को दबोचने के लिए लग गया है। कर्मचारियों की मानें तो यहां पर एक दर्जन कोबरा प्रजाति के विषैले सांप देखे गए हैं जो वन्यजीवों के अलावा इंसानों के लिए खतरा बनें हुए हैं। सुरक्षा के दृष्टि से दर्शकों को झाड़ियों यह उन्य स्थलों पर रोक लगा दी गई हैं, जहां कोबरा को देखा गया है।

कोबारा के चलते डरे कर्मचारी
आजाद नगर स्थित यूपी के सबसे बड़े चिड़ियाघर में कोबरा सांप ने इंसानों के साथ ही बेजुबानों के लिए खतरा बना हुआ हैं। 36 एकड़ क्षेत्रफल में हजारों की संख्या में जहरीले सांप रहते हैं। हर साल बारिश के मौसम में उनके बिल में पानी भर जाने पर वह सुरक्षित स्थान की तलाश में जानवरों के बाड़े की ओर चले आते हैं। लेकिन कोबारा प्रजाति के सांप कई सालों से यहां नहीं देखे गए। पर इस साल कोबरा ने चिड़ियाघर में दस्तक दे दी है। बुधवार को इसके काटने से जहां काले हिरण की मौत हुई थी, वहीं गुरुवार सुबह कोबरा के काटने से चौसिंघा ने दम तोड़ दिया। चिड़ियाघर प्रशासन ने पोस्टमार्टम कराया, जिसमें जहर के कारण हृदयगति रुकने से मौत की पुष्टि हुई। सांपों के खतरे को देखकर अधिकारी उन्हें पकड़ने का अभियान चला रहे हैं।

जिराफ को बनाया था शिकार
चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक कोबरा सांप ने 1990 में मादा जिराफ को डसा था, जिसकी मौत हो गई थी। इसके बाद कोबारा कई सालों तक चिड़ियाघर में नहीं पाया गया। पर 2015 में इसने फिर चिड़ियाघर के अंदर दस्तक दी और उस दौरान कोबरा के डसने से सियार, तीन बार्किंग डियर और काले हिरण की मौत हो गई थी। चिड़ियाघर में एकाएक कोबरा सांपों के बाहर निकल आने से जानवरों की देखभाल के लिए लगाए गए कर्मचारी भी दहशत में हैं। उनका कहना है कि रोजाना कोई न कोई सांप बाड़े के पास नजर आ ही जाता है। प्राणि उद्यान के निदेशक कृष्ण कुमार सिंह, ने बताया कि इस साल बारिश होने के चलते हजरीले सांप यहां पर आ गए हैं। जीव-जन्तुओं को बचाने के लिए बाड़ों के आसपास जाली लगवाई जा रही हैं। साथ ही कोबरा को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया गया है।

सबसे जहरीले सांपों में शुमार
भारत में कई प्रकार के सांप पाए जाते हैं, जिसमें से कुछ जहरीले होते हैं और कुछ नहीं. वैसे सांप देखते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। जू के डॉक्टर अरके सिंह बताते हैं कि भारत में विशेष रूप से छह तरह के जहरीले सांप हैं, जो अकसर इंसानी बस्ती में पाए जाते हैं।इन सांपों में इंडियन कोबरा, इंडियन क्रैट, रसेल वाइपर, करैत, सॉ-स्केल्ड वाइपर और द किंग कोबरा के नाम मुख्य रूप से शामिल। डॉक्टर आरके सिंह बताते हैं कि इंडियन कोबरा सभी सापों में सबसे जहरीला सांप होता है। इसे लोग नाग के नाम से भी पुकारते हैं। कोबरा देश में लगभग सभी इलाकों में आसानी से देखने को मिल जाता है। इसके काटने से इंसान का बच पाना बहुत ही मुश्किल होता है। एक वयस्क नाग की लंबाई 1 मीटर से 1.5 मीटर (3.3 से 4.9 फीट) तक हो सकती है। कोबारा के अलावा इंडीयन क्रैट सबसे जहरीला सांप होता है।यह इतना जहर उगलता है कि इसके एक बार काटने से 60 लोगों की जान जा सकती है। इस सांप की 12 प्रजातियां हैं।

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