छात्रों ने बताई प्रोटोटाइप की खासियत यह कमाल कानपुर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में नौवीं के छात्र मयंक शुक्ला व यश शुक्ला ने कर दिखाया है। इन होनहार छात्रों ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक की मदद से ब्लाइंड कैप को तैयार कर लिया। यह आइडिया अटल इनोवेशन मिशन के विशेषज्ञों ने उन्हें दिया था। बताया कि कैप में अल्ट्रा सोनिक सेंसर लगा है और आड्रिनो यूनो की प्रोग्रामिंग की गई है। कैप को पहनने के बाद अगर किसी तरह की कोई चीज दृष्टिहीन के सामने आती है तो कैप में लगा बजर तेज आवाज करेगा।इससे वह व्यक्ति सतर्क हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कैप को तैयार करने में 250 रुपये खर्च आया है।
इस तरह काम करती है ब्लाइंड कैप छात्रों का मार्गदर्शन करने वाले अटल टिंकरिंग लैब के इंचार्ज अवनीश मेहरोत्रा ने बताया कि अल्ट्रासोनिक सेंसर से इनपुट बजर को जाता है। फिर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए यह आउटपुट के रूप में बजर से उस व्यक्ति के पास पहुंच जाता है, जो कैप का उपयोग कर रहा होता है। कैप का प्रोटोटाइप तैयार होने के बाद लैब में 20 से अधिक व्यक्तियों की आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें यह कैप पहनाई गई। यह परीक्षण में प्रयोग पूरी तरह सफल रहा। छात्रों ने जो कैप तैयार की है, उसकी जानकारी आइआइटी के प्रोफेसरों व अटल इनोवेशन मिशन के विशेषज्ञों को दी गई है। अटल इनोवेशन मिशन के विशेषज्ञों ने इस प्रोटोटाइप की सराहना की है।