हर संदिग्ध पर कड़ी नजर
कानपुर में पहले भी आतंकी पकड़े जा चुके हैं। इसके अलावा जाजमऊ के दर्जन भर से ज्यादा घरों से आतंकियों के कनेक्शन मिले थे। इसी के चलते पहले से संदिग्ध लोगों पर भी पुलिस की कड़ी नजर है। पिछले माह जुमे की नमाज के दौरान हुई हिंसा के पीछे भी आतंकी संगठन का हाथ होने की जानकारी मिली है। आतंकी संगठन से जुड़े लोगों ने यहां के युवाओं को उकसाया था, जिसका नतीजा बड़ी ङ्क्षहसा के रूप में सामने आया।
कानपुर में पहले भी आतंकी पकड़े जा चुके हैं। इसके अलावा जाजमऊ के दर्जन भर से ज्यादा घरों से आतंकियों के कनेक्शन मिले थे। इसी के चलते पहले से संदिग्ध लोगों पर भी पुलिस की कड़ी नजर है। पिछले माह जुमे की नमाज के दौरान हुई हिंसा के पीछे भी आतंकी संगठन का हाथ होने की जानकारी मिली है। आतंकी संगठन से जुड़े लोगों ने यहां के युवाओं को उकसाया था, जिसका नतीजा बड़ी ङ्क्षहसा के रूप में सामने आया।
पाक और सीरिया के हैं आतंकी
प्रदेश की सीमा में घुसे दोनों आतंकियों की पहचान हो चुकी है। उनके नाम ख्वाजा मोइनुद्दीन और अब्दुल समद हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन सीरिया का है और वह दक्षिण भारत समेत कई राज्यों में जाकर युवाओं का ब्रेनवाश कर उन्हें आईएसआईएस से जोड़ता रहा। इसके अलावा पाक समर्थित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहीदीन से भी संपर्क में रहा। दूसरी ओर अब्दुल समद पाकिस्तान का है और उसका संबंध सिमी से है। सिमी के ही आतंकियों ने कानपुर में हिंसा भी कराई थी। अब्दुल समद आतंकियों को हथियार सप्लाई करने में माहिर है।
प्रदेश की सीमा में घुसे दोनों आतंकियों की पहचान हो चुकी है। उनके नाम ख्वाजा मोइनुद्दीन और अब्दुल समद हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन सीरिया का है और वह दक्षिण भारत समेत कई राज्यों में जाकर युवाओं का ब्रेनवाश कर उन्हें आईएसआईएस से जोड़ता रहा। इसके अलावा पाक समर्थित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहीदीन से भी संपर्क में रहा। दूसरी ओर अब्दुल समद पाकिस्तान का है और उसका संबंध सिमी से है। सिमी के ही आतंकियों ने कानपुर में हिंसा भी कराई थी। अब्दुल समद आतंकियों को हथियार सप्लाई करने में माहिर है।
१६ दिसंबर तक था बंगाल में
खुफिया के मुताबिक दोनों आतंकवादी १६ दिसंबर तक पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में थे। इसके बाद वे यूपी में दाखिल हुए। पुलिस को यह भी सूचना मिली है कि यूपी के रास्ते दोनो नेपाल जा सकते हैं, क्योंकि नेपाल में उनके कई लिंक हैं जो उन्हें फंड मुहैया कराते हैं। कानपुर पुलिस ने उनके लिए जाल बिछाया हुआ है।
खुफिया के मुताबिक दोनों आतंकवादी १६ दिसंबर तक पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में थे। इसके बाद वे यूपी में दाखिल हुए। पुलिस को यह भी सूचना मिली है कि यूपी के रास्ते दोनो नेपाल जा सकते हैं, क्योंकि नेपाल में उनके कई लिंक हैं जो उन्हें फंड मुहैया कराते हैं। कानपुर पुलिस ने उनके लिए जाल बिछाया हुआ है।