मृतक का गांव का प्रधान-
बिल्हौर थानाक्षेत्र के गजना ग्राम प्रधान डिम्पल कटियार (40) की उसके ही सगे चाचा ओमप्रकाश कटियार ने पुरानी रंजिश के चलते गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। प्रधान की मौत के बाद गांव वाले आरोपी को सबक सिखाने के लिए बड़े तो उसने अपने को घर में कैद कर लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस आरोपी को बाहर निकालने के लिए आगे बढ़ी तो उसने घर के अंदर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिसके चलते पुलिस को अपने पैर पीछे खीचने पड़े और अतिरिक्त फोर्स की मांग करनी पड़ी। एसपी ग्रामीणा कई थानों की पुलिस लेकर पहुंचे और आरोपी को ललकारा। भागने के सारे रास्ते बंद हो जाने के चलते उसने सरेंडर कर दिया।
बिल्हौर थानाक्षेत्र के गजना ग्राम प्रधान डिम्पल कटियार (40) की उसके ही सगे चाचा ओमप्रकाश कटियार ने पुरानी रंजिश के चलते गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। प्रधान की मौत के बाद गांव वाले आरोपी को सबक सिखाने के लिए बड़े तो उसने अपने को घर में कैद कर लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस आरोपी को बाहर निकालने के लिए आगे बढ़ी तो उसने घर के अंदर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिसके चलते पुलिस को अपने पैर पीछे खीचने पड़े और अतिरिक्त फोर्स की मांग करनी पड़ी। एसपी ग्रामीणा कई थानों की पुलिस लेकर पहुंचे और आरोपी को ललकारा। भागने के सारे रास्ते बंद हो जाने के चलते उसने सरेंडर कर दिया।
40 बीघा खेत बनी हत्या की वजह-
टारोपी चाचा ओमप्रकश कटियार और डिम्पल कटियार के बीच 40 बीघे खेत को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा था। चाचा जबरन खेत में कब्जा करना चाहता था। इसी के चलते डिम्पल कोर्ट चला गया। मामला कोर्ट में चल रहा है। सोमवार को आरोपी अपने बेटे विजय के साथ खेत जोतने लगा। डिम्पल ने मुकदमे का हवाला देते हुए जुताई का विरोध किया। जिस पर चाचा गुस्से से लाल हो गया और घर से लाइसेंसी बंदूक लाकर आ धमका और डिम्पल को गोली मार दी। गोली लगते ही डिम्पल जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई। प्रधान की मौत की खबर जैसे ही गांववालों को हुई तो उन्होंने आरोपी को दौड़ा लिया। उसने भागकर अपने घर के अंदर से फायरिंग शुरू कर दी।
टारोपी चाचा ओमप्रकश कटियार और डिम्पल कटियार के बीच 40 बीघे खेत को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा था। चाचा जबरन खेत में कब्जा करना चाहता था। इसी के चलते डिम्पल कोर्ट चला गया। मामला कोर्ट में चल रहा है। सोमवार को आरोपी अपने बेटे विजय के साथ खेत जोतने लगा। डिम्पल ने मुकदमे का हवाला देते हुए जुताई का विरोध किया। जिस पर चाचा गुस्से से लाल हो गया और घर से लाइसेंसी बंदूक लाकर आ धमका और डिम्पल को गोली मार दी। गोली लगते ही डिम्पल जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई। प्रधान की मौत की खबर जैसे ही गांववालों को हुई तो उन्होंने आरोपी को दौड़ा लिया। उसने भागकर अपने घर के अंदर से फायरिंग शुरू कर दी।
तीन घंटे तक करता रहा ताबड़ातोड़ फायरिंग-
घटना की सूचना पर गांववालों ने आरोपी के घर में धावा बोल दिया। गेट बंद होने के चलते बाउंड्रीवॉल गिराकर घर के अंदर घुसने की कोशिश की। इस दौरान आरोपी ने कमरे की खिड़की से फायरिंग शुरू कर दी। गांव वालों ने भी उसके ऊपर पत्थरों से हमला कर दिया। लेकिन आरोपी जब सीधे गांववालों पर निशाना लगाने लगा तो अफरा-तफरी मच गई। गांववाले जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। आरोपी को पकड़ने के लिए पहुंचे चौकी प्रभारी व सिपाहियों को पीछे हटना पड़ा। तीन घंटे तक आरोपी रूक-रूक कर पुलिस पर फायर करता रहा। कुछ देर बाद कई थानों की फोर्स पहुंची और आरोपी के घर की घेराबंदी की। एसपी ने उसे सरेंडर करने को कहा। खुद की जान पर बनते देख आरोपी घर के बाहर आया और पुलिस उसे लेकर थाने चली गई।
घटना की सूचना पर गांववालों ने आरोपी के घर में धावा बोल दिया। गेट बंद होने के चलते बाउंड्रीवॉल गिराकर घर के अंदर घुसने की कोशिश की। इस दौरान आरोपी ने कमरे की खिड़की से फायरिंग शुरू कर दी। गांव वालों ने भी उसके ऊपर पत्थरों से हमला कर दिया। लेकिन आरोपी जब सीधे गांववालों पर निशाना लगाने लगा तो अफरा-तफरी मच गई। गांववाले जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। आरोपी को पकड़ने के लिए पहुंचे चौकी प्रभारी व सिपाहियों को पीछे हटना पड़ा। तीन घंटे तक आरोपी रूक-रूक कर पुलिस पर फायर करता रहा। कुछ देर बाद कई थानों की फोर्स पहुंची और आरोपी के घर की घेराबंदी की। एसपी ने उसे सरेंडर करने को कहा। खुद की जान पर बनते देख आरोपी घर के बाहर आया और पुलिस उसे लेकर थाने चली गई।
तरक्की बनी जान की दुश्मन
डिपंल कटियार अपने चाचा से ज्यादा पैसावाला बनने के लिए दिनरात मेहनत करता और उसे कामयाबी भी मिल गई। उसके पास भी चार पहिया वाहन और अच्छा मकान हो गया। डिम्पल मिलनसार था, जिसके चलते गांववालों ने उसे प्रधान का चुनाव लड़वाया। चाचा ने भी भतीजे के खिलाफ अपने एक करीबी को चुनाव के मैदान में उतार दिया, लेकिन डिम्पल चाचा के प्रत्याशी को हराकर प्रधान बन गया। इसे के चलते चाचा उसे अक्सर जान से मारने की धमकी देता। इतना ही नहीं डिम्पल ने अपने छोटे भाई को दूसरे गांव से प्रधानी का चुनाव लड़वाया और वो भी प्रधान बन गया। एसपी ग्रामीण ने बताया कि दोनों परिवार के बीच खेत को लेकर विवाद चल रहा था और आरोपी ने भतीजे को गोली मारकर हत्या कर दी। गांव में पुलिस बल तैनात है।
डिपंल कटियार अपने चाचा से ज्यादा पैसावाला बनने के लिए दिनरात मेहनत करता और उसे कामयाबी भी मिल गई। उसके पास भी चार पहिया वाहन और अच्छा मकान हो गया। डिम्पल मिलनसार था, जिसके चलते गांववालों ने उसे प्रधान का चुनाव लड़वाया। चाचा ने भी भतीजे के खिलाफ अपने एक करीबी को चुनाव के मैदान में उतार दिया, लेकिन डिम्पल चाचा के प्रत्याशी को हराकर प्रधान बन गया। इसे के चलते चाचा उसे अक्सर जान से मारने की धमकी देता। इतना ही नहीं डिम्पल ने अपने छोटे भाई को दूसरे गांव से प्रधानी का चुनाव लड़वाया और वो भी प्रधान बन गया। एसपी ग्रामीण ने बताया कि दोनों परिवार के बीच खेत को लेकर विवाद चल रहा था और आरोपी ने भतीजे को गोली मारकर हत्या कर दी। गांव में पुलिस बल तैनात है।