शहर में जल्द ही स्मार्ट सिटी के तहत जल्द ही शहर के पार्कों, मैदानों, वाकिंग ट्रैकों व अन्य ऐसे स्थलों पर सेंसर लगाने का काम शुरू किया जाएगा जहां बड़ी संख्या में लोग टहलने के लिए आते हैं। प्रदूषण को देखते हुए कानपुर की ख्याति अच्छी नहीं है। सर्दियों में कई बार कानपुर के प्रदूषण का ग्राफ देश में पहले पावदान पर पहुंच चुका है। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार टहलने वाले स्थानों पर लगने वाले सेंसर चौबीस घंटे पीएम 10, पीएम 2.5 के अलावा सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड तक की अलग-अलग जानकारी देंगे। पार्कों आदि स्थलों पर सेंसर के साथ ही खंभे पर छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिस्पले बोर्ड भी लगाए जाएंगे जिस पर हर पल की वायु गुणवत्ता अपडेट होती रहेगी। ये डिस्प्ले वोर्ड इस तरह से लगेंगे ताकि टहलने वालों की सजह नजर उस पर पड़ सके।
कानपुर शहर को दुनिया के प्रदूषित शहरों में गिना जाने लगा है।ज्यादा प्रदूषण की स्थिति में डॉक्टर्स भी सैर पसंद लोगों को यह हिदायत देते हैं कि वे अपना रूटीन कुछ समय के लिए स्थगित कर दें। क्योंकि यह माना जाता है कि इससे सेहत सुधरना तो दूर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर पर दमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी से पीडि़तों के लिए स्थिति विकट हो जाती है। पिछले कुछ समय से कानपुर में प्रदूषण के कारण कई तरह के मरीजों की मुश्किलें बढ़ी हैं। यह मानना है हैलट और उर्सला अस्पताल केचिकित्सकों का।
सेंसर के साथ लगे कॉल मैसेजिंग बाक्स के लिए अलावा शहर में अब तक लगाए जा चुके कॉल मैसेजिंग बाक्स से भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। सीटीआई तिराहा, फायर सर्विस फजलगंज तिराहा, हरवंश मोहाल, चार खंभा चौराहा, चैन फैक्ट्री चौराहा, एमआईजी तिराहा, गौशाला सेकेंड, केशव नगर, मिलिट्री कैंप, बगाही चौराहा, बाकरगंज, शनिदेव मंदिर तिराहा, चंद्रिका देवी मंदिर चौराहा, संगीत टॉकीज तिराहा और नंद लाल चौराहे पर कॉल व मैसेजिंग बाक्स लगाए जा चुके हैं।