क्या है पूरा मामला
सांभी ग्राम पंचायत के चकत्तापुर गांव में करीब 80 से 90 परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां की परवीन को आस थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ उसे घर, टाॅयलेट, बच्चों के लिए कलम-दवात और रोटी के लिए मजदूरी की व्यवस्था करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। परवीन का आरोप है कि ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने दलित और मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव कर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दे रहे। शिकायत करने पर जान से मारनी की धमकी देते हैं। परवीन के अलावा अन्य महिलाओं का आरोप है कि बच्चे स्कूल के बजाए लबंरदारों के खेतों में बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं तो युवा भी गुलामी करने को विवश हैं।
नहीं मिला योजनाओं का लाभ
चकत्तापुर की आबादी करीब आठ से नौ सौ के आसपास है। जिसमें दलित और मुस्लिम समुदाय के परिवारों का आजादी के बाद से आज तक एक भी योजना का लाभ नहीं दिया गया। परवीन बताती हैं कि पिछले कई दशकों से परिजन बड़े लोगों के घर, खेतों में काम कर परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं। जिसने जुबान खोली य शिकायत करने की सोंची, उसे पीटने के साथ ही जान से मारने की धमकी दे जाती है। इन परिवारों में एक भी बच्चा स्कूल नहीं जाता। महिलाओं का आरोप है कि यदि सरकारी स्कूल में बच्चे को भेजा जाता है तो टीचर उनके साथ भेदभाव करते हैं। इसी के चलते वह स्कूल जाने के बजाए मजदूरी करने को मजबूर हैं।
प्रधान-सचिव जिम्मेदार
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान अशोक बेरिया और ग्राम सचिव कुछ लोगों के इशारे पर कार्य करते हैं। हमलोग सरकारी योजनाओं की मांग लेकर जाते हैं तो प्रधान द्धारा अपशब्द कहकर भगा दिया जाता है। जिस मोहल्ले में ये परिवार रहते हैं, वहां के हालात बहुत दहनीय हैं। गलियां बदबूदार पानी से भरी हैं ग्रामीण घुटनों तक भरे जलभराव से निकलते हैं। गांव में पक्की सड़क, पक्के मकान नहीं हैं। एक भी परिवार को अभी तक टाॅसलेट नहीं दिया गया। ग्रामीण खुले में शौंच को जाते हैं। ग्रामीणों की झोपड़ियों में बिजली नहीं पहुंची। अंधेरे में ग्रामीण रात गुजारने को मजबूर हैं।
डीएम-एसडीएम ने भी नहीं सुनी गुहार
परवीन ने बताया कि हमनें पहले एसडीएम बिल्हौर लक्ष्मी वीएस से जाकर प्रधान और सचिव की शिकायत की थी। उनसे घर, टाॅयलेट, बच्चों को शिक्षा और राशनकार्ड बनवाए जाने की मांग की, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। फिर हमनें कानपुर के डीएम विजय विश्वास को लिखित में अपनी समस्या से अवगत कराया। इसके बाद उन्हें एक नहीं दर्जन दफा फोन किया, पर डीएम साहब के पीआरओ की तरफ से हर दफा यही जवाब मिली की साहब बिजी हैं।
सीएम से भी नहीं मिलने दिया गया
परवीन ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को कानपुर आ रहे हैं। इसी के कारण अन्य महिलाओं के साथ हम ट्रेन के जरिए कल्याणपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां पहले से मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हमें रोक लिया। हमसभी ने सीएम से मिलकर अपनी बात उन तक पहुंचाने को कहा। जिस पर एक अफसर ने हमसे शिकायती पत्र लेकर कहा कि तुम जाओ हम इसे सीएम तक पहंुचा देंगे। पुलिस ने हमें आनन-फानन में ट्रेन में बैठाकर रवाना कर दिया।
कुछ इस तरह से बोले जिम्मेदार
मामले पर जब डीएम विजय विश्वास से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके पीआरओ ने कहा कि साहब जिले से बाहर हैं। वहीं एसडीएम ने बताया कि ग्रामीणों ने शिकायत की है। मामले की जांच के लिए जल्द ही एक टीम बनाई जाएगी। वहीं भाजपा विधायक भगवती शरण सागर ने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा मामला नहीं है। फिर भी आपने बताया तो डीएम से बात की जाएगी। ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा। वहीं ग्राम प्रधान ने कहा कि हमारे खाते में पैसा नहीं है। इसी वजह से ग्रामीणों को टाॅयलेट सहित अन्य योजनाएं नहीं दी गई।