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कानपुर

Budget 2020 : उम्मीदों के बजट पर हर आम-ओ-खास लगाए है ‘टकटकी’

बजट को लेकर आमशहरी, व्यापारी, कारोबारी, नौकरीपेशा वाले, किसान, मजदूर, युवा, बेरोजगार, महिलाएं समेत सभी को है आस, वित्तमंत्री अपने पिटारे से देंगी राहत रूपी खुराक।

कानपुरFeb 01, 2020 / 12:12 pm

Vinod Nigam

Budget 2020 :  उम्मीदों के बजट पर हर आम-ओ-खास लगाए है ‘टकटकी’

Budget 2020 : उम्मीदों के बजट पर हर आम-ओ-खास लगाए है ‘टकटकी’

कानपुर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी। इस बजट पर आम से लेकर खास लोगों की नजर है। लोगों को उम्मीद है कि किचन में कब्जा जमाए बैठी महंगाई डायन के खात्में के लिए वित्तमंत्री अपनी पिटारे से अस्त्र निकालेंगी। वहीं अन्नदाताओं को भी आस है कि बेमौसम बारिश से हुई फसल बर्बादी के लिए सरकार अलग से फंड व मुआवजे का एलान कर सकती है। जबकि चमड़ा, कपड़ सहित अन्य उद्यमी भी चाहते हैं कि उन्हें जीएसटी सहित अन्य समस्याओं से निजाद मिले।

सबकी नजर
नौकरीपेशा, व्यापारी, कारोबारी, किसान, मजदूर, गृहणियों को बजट का बेसब्री से इंजतार है। आम जनता को उम्मीद है कि बजट में महंगाई से कुछ राहत मिलेगी। देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसान भी सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं बजट में उनके हित की बात और राहत मिलेगी। रियल स्स्टेट क्षेत्र से जुड़े कारोबारी भी इस बजट से खास आस लगाए बैठे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष मकान खरीदने के लिए टैक्स में ज्यादा छुट देने का एलान हो सकता है।

मिले छूट
आमनागरिक और नौकरीपेशा करने वाले चाहते हैं कि धारा 80 सी के तहत अभी जो 15 लाख रूपए तक की छूट है, इसकी सीमा को भी इसबार बढ़ाए जाए, तरकि आम इंसान बचत के लिए पहले से अधिक सोच सके। गृहणियों को भी उम्मीद जता रही हैं कि बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए भी इस बजट में कुछ खास होगा। तहसील में बाबू के पद पर तैनात कर्मी ने बताया कि बजट से तो उन्हें काफी उम्मीद है कि इस बार सरकार कर्मचारियों के बारे में सोचेगी और हमलोगों को अलग से बजट में राहत का प्रावधान करेगी ।

मिले राहत
व्यापारी संगठन के नेता उमंग अग्रवाल कहते हैं कि उनकी मांग है कि छोटे व्यापारियों के टर्नओवर के दायरे को बढ़ाया जाए। ताकि उनको रोजगार करने में और अधिक सहूलियत मिल सके। कारण कि नए कानून के मुताबिक खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत टर्नओवर के आधार पर सालाना 12 लाख तक टर्नओवर वाले छोटे व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन दिए जाने का शुल्क 100 रुपये और 12 लाख से ऊपर के टर्न ओवर वाले को 2000 रुपये लाइसेंस शुल्क जमा करना पड़ता है। ऐसे में व्यापारियों की मांग है कि जीएसटी में 40 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को छोटे व्यापारियों की श्रेणी में शामिल किया जाए। ताकि उनको जीएसटी में रजिस्ट्रेशन से भी मुक्त मिल सके।

गृहणियों को आस
रश्मी कहती हैं कि राशन के साथ किराने का सामान अगर सस्ता कर दिया जाए तो यह सरकार की ओर से गृहणियों के लिए सबसे बड़ा उपहार होगा। युवतियों के लिए सौंदर्य प्रसाधन काफी अहमियत रखते हैं। ऐसे में यदि मेकअप का सामान सस्ता हो जाए तो बहुत खुशी होगी। वहीं रेखा निगम कहती हैं कि बच्चों के भविष्य की चिंता मां-बाप को सबसे अधिक रहती है। यदि सरकार रोजगार का अवसर प्रदान करेगी तो युवा और उनके अभिभावकों की चिंता समाप्त हो जाएगी। अंजली कहती हैं कि एजुकेशन बहुत महंगी हो गई है। ऐसे में अगर किताबें सस्ती हो जाएं तो बच्चों को पढ़ने में आसानी होगी और एक शिक्षित भारत का निर्माण होगा। शैलजा कहती हैं कि इस बार के बजट में महिला सशक्तीकरण के लिए भी प्रावधान किए जाने की उम्मीद है। रोजगार के नए अवसर मिलने चाहिएं, जिससे भविष्य सुरक्षित हो। उम्मीद है बजट अच्छा होगा।

किसानों को उम्मीद
किसान रामरतन सिंह पटेल कहते हैं कि सरकार को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहिए। इसके लिए इस बजट में बड़े ऐलान भी होने चाहिए। आज किसानों की खरीद क्षमता खत्म होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था टूट रही है, इसलिए सरकार को बजट में इस ओर ध्यान देना चाहिए। कहते हैं कृषि क्षेत्र में सुधार करने के लिए सरकार को क्वॉलिटी इनपुट पर विशेष काम करना होगा। किसानों को उन्नत खेती की तकनीक अपनाने के लिए कृषि शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए इस बजट में अच्छी राशि का आवंटन करना पड़ेगी। बलवान सिंह कहते हैं कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को हर छोटे-बड़े किसान तक पहुंचाने की जरूरत है। कभी-कभी सरकारी योजनाएं कई सवालों के घेरे में आ जाती हैं, इसलिए इस पर सरकार को गंभीर होकर काम करने की जरूरत है, ताकि किसानों की आर्थिक दुर्दशा से बाहर लाया जा सके। किसान गंगा साहू ने कहा कि किसानों को फसल के उचित मूल्य के लिए कृषि कॉरिडोर का निर्माण करने की जरूरत है, साथ ही बजट में फूड प्रॉसेसिंग यूनिट और फूड पार्क बनाने का बड़ा ऐलान भी करना चाहिए।

आमशहरी की मांग
मनीष कहते हैं कि बजट से उम्मीद है कि मध्यम वर्ग को मंहगाई से मुक्ति के लिए बजट होगा। 2020 में वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाने, लिथियम आयन बैटरी सेल पर शुल्क समाप्त करने की मांग की है। अजय निगम कहते हैं कि सरकार रेलवे के खान-पान में सुधार करें,ट्रेनें समय पर चलें और समय पर पहुंचें, सेफ्टी को बढ़ाने के लिए ट्रेनों और स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जाएं। इसके अलावा स्टेशनों पर सफाई व्यवस्था में भी सुधार किया जाना चाहिए इसके साथ ही रेलवे की सुविधाएं पर भी ध्यान देना चाहिए। सुधीर सिंह ने कहा कि सरकार को युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रावधन लाना चाहिए एवं नौकरियां भी देना चाहिए। जिससे बेरोजगारी दूर हो। कहते हैं मोदी सरकार ने अच्छी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को हमेशा प्राथमिकता में रखा है। लेकिन

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