कानपुर

मां की पाठशाला में सीखा अपराध का कहकहरा, पिता के हत्यारों को मार राठी ने दी गुरूदक्षिणा

मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपी ने मां के कहने पर थामी थी बंदूक, फिर दुश्मनों को ढेर कर अपराध की दुनिया का बन बया बादशाह

कानपुरJul 27, 2018 / 12:26 pm

Vinod Nigam

मां की पाठशाला में सीखा अपराध का कहकहरा, पिता के हत्यारों को मार राठी ने दी गुरूदक्षिणा

कानपुर। मुन्ना बजंगरी की हत्या कर देश भर की सूर्खियों में छाए माफिया डॉन सुनील राठी की जिंदगी पहले एक सीधे-साधे युवक की तरह थीं। उसका आयाराम-गयाराम की दुनिया से दूर-दूर तक नाता नहीं था। पर चुनावी रंजिस के चलते राठी के पिता की हत्या कर दी गई। पत्नी ने पति के हत्यारों से बदला लेने की शपथ ली और अपराध की पाठशाला घर में खोल बेटे राठी को खुंखार अपराधी बना, कलम की जगह उसे हथियार थमा दुश्मनों का काम तमाम करने के लिए उतार दिया। सुनील राठी ने पिता के हत्यारों को मौत के घाट उतार मां को गुरूदक्षिणा देकर माफिया डॉन बन गया। उत्तराखंड से लेकर पूर्वान्चल तक अपनी सल्तनत कायम करने के लिए शार्प शूटरों को मिला गैंग तैयार कर लिया और फिर रंगदारी, सुपारी किलिंग, सरकारी जमीनों में कब्जे सहित कानून की किताब में जितने अपराध थें, वह सब करने शुरू कर दिए।

पिता की कर दी गई थी हत्या
बागपत के बड़ौत कस्बे के टिकरी गांव के रहने वाले सुनील राठी के पिता नरेश राठी की उनके दो सहयोगियों के साथ हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कथित तौर पर दिल्ली पुलिस का निलंबित अधिकारी रणवीर राठी भी शामिल था। पति की हत्या के बाद पत्नी राजबाला टूटने के बजाए खुद को पहले तैयार किया। पति के खास लोगों को मिला बेटे सुनील राठी को अवजार चलाने की ट्रेनिंग दी। इस दौरान सुनील को अपराध की हर बारीकियों से उसे परिपक्य किया गया। उस दौरान दौरान राठी को पोस्टमार्टम हाउस के साथ्र दाह संस्कार स्थल पर खुद मां राजबाला लेकर जाती और हंसमुख व जिंदादिल सुनील के दिल को कठोर बना अपराधी बना दिया। 21 जून 2000 को सुनील राठी ने अपने पिता की हत्या का बदला लेते हुए महक सिंह और उसके भाई की हत्या कर दी। इस केस में उसे हत्या का दोषी पाया गया और उम्रकैद की सजा हुई। साल 2000 के अगस्त महीने में सुनील राठी और उसके साथियों ने शोरुम लूटने के बाद तीन लोगों की हत्या कर दी, जिससे इलाके में उसका दबदबा बढने लगा ।

मां के खिलाफ दर्ज हैं मुकदमे
सुनील राठी को उसी साल हरिद्वार के कनखल इलाके से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जब पुलिस ने सुनील को पकड़ा, तो उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद किये गये थे। ंसुनील राठी का जेल से अंदर-बाहर होता रहा, फिर उसने जेल से रंगदारी मांगने का धंधा शुरु किया, इस माफिया डॉन के निशाने पर ज्यादातर डॉक्टर रहे, वो जेल के भीतर से डॉक्टरों को फोन कर धमकाता था और पैसे की मांग करता था। सुनील राठी रुडकी जेल में बंद था, तभी उसने रुड़की के एक बड़े प्रतिष्ठित डॉक्टर को फोन कर धमकाया और उसकी मां को पचास लाख रुपये पहुंचाने को कहा। जिसके बाद डॉक्टर पुलिस के पास पहुंच गये। इस केस में सुनील राठी की मां राजबाला को भी जेल जाना पड़ा था, हालांकि जल्दी ही उन्हें जमानत मिल गई। पुलिस सूत्रों की मानें तो राठी की मां के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे हैं। जबकि राठी का चचेरा भाई प्रदीप राठी सुनील की मां की रखवाली करने के साथ माफिया के बिजनेस को संभालता है।

बीएसपी से दिलवाया था टिकट
सुनील राठी एक कुख्यात डॉन है, जिसका दबदबा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में है। पुलिस की मुन्ना बजरंगी और सुनील राठी के बीच पुरानी दुश्मनी थी। जिस तरह मुन्ना बजरंगी कभी पूर्वांचल का मोस्ट वांटेड रहा, ठीक उसी तरह अपराध की दुनिया में सुनील का नाम भी कुछ कम नहीं है। मुन्ना बजरंगी की तरह सुनील राठी के भी राजनीतिक संबंध रहे हैं। सुनील राठी की मां राजबाला पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी की छपरौली सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी हैं। चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जानकारों का मानना है कि सुनील राठी का उत्तराखंड के कई नेताओं से अच्छे संबंध हैं और पिछले चुनाव में उसने अंदरखाने भाजपा की मदद की थी।

27314 कैदी नंबर से होती है पुकार
कुख्यात सुनील राठी को बीती 14 जुलाई की रात बागपत जेल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया था। यहां उसे हाईसिक्योरिटी सेल में रखा गया है। उससे मुलाकात पर रोक लगा दी गई थी। जेल में आने के बाद सुनील राठी को 27314 नंबर दिया गया। सुनील राठी को इस नंबर से जेल प्रशासन बुलाता है। इस जेल में 24 जिलों के ऐसे शातिर अपराधी हैं जो यहां पर शासन के आदेश पर आए हैं।इस दौरान परिवारीजन कई बार मुलाकात को आए लेकिन, उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। रविवार को राठी की मां राजबाला, बहन कोमल व उनका फुफेरा भाई प्रदीप अन्य परिवारीजन के साथ मुलाकात करने सेंट्रल जेल पहुंचे। जेल प्रशासन ने तीन लोगों को ही मुलाकात की अनुमति दी। मां, बहन व फुफेरे भाई ने सुनील राठी से जेल में जाकर मुलाकात की। करीब साढ़े चार घंटे बाद वे बाहर आए। सुनील की मां ने बताया कि उनके पुत्र की जान को खतरा है। उसके कई दुश्मन जेल में पहले से ही बंद हैं।

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