यूपी के 25 से ज्यादा भाजपा विधायकों से मांगी रंगदारी, भोगनीपुर के विधायक विनोद कटियार ने दर्ज कराई एफआईआर
कानपुर। एक अनजान चेहरे से उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी दल के भाजपा विधायक खौफदजा है। विधायकों ने सीएम
योगी आदित्यनाथ से सूरक्षा की गुहार लगाई है। सीएम ने डीजीपी को पूरे मामले की जांच के साथ ही डॉन को दबोचने का आदेश दिया है। यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार का कहना है कि रंगदारी मांगने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का खास गुर्गा है, जो अब उससे अलग होकर अपनी नई गैंग चलाता है। विधायकों को अली बुदेश के नाम से धमकी आ रही है, जो उनसे 10 लाख की रंगदारी मांग रहा है। एसटीएफ के साथ ही क्राइमब्रान्च और पुलिस के स्पेशल जवानों की टीमें जांच पड़ताल में लगी हुई हैं। जबकि एसटीएफ कानपुर दाउद के पुराने साथियों को दबोचने के लिए ऑपरेशन चलाए हुए हैं।
तो पूरे परिवार को कर दूंगा खत्मयूपी में सत्ताधारी दल के 25 से ज्यादा भाजपा विधायकों से रंगदारी मांगने का मामला सामने आने पर हड़कंप मच गया। विधायक अपनी सुरक्षा की फरियाद लेकर सीएम योगी के दर पर गए। सीएम ने डीजीपी को पूरे प्रकरण की जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी के बाद
यूपी पुलिस एक्शन में आ गई है। डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ, क्राइमब्रान्च और स्पेशल पुलिस बल के जवानों को रंगदारी मांगने वाले अदृष्य डॉन को अरेस्ट करने के लिए लगा दिया है। कानपुर के भोगनीपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विनोद कटियार ने बताया कि मंगलवार की सुबह उनके मोबाइल पर 25 से ज्यादा मैसेज आए, जिसमें आरोपी ने अपने-आपको दुबई का डॉन बताकर 10 लाख रूपए की डिमांड की। पहले हमने उसके मैजेस पर
ध्यान नहीं दिया। दोपहर को आरोपी ने फोनकर रंगदारी मांगी और नहीं देने पर पुरे परिवार के साथ जान से मारने की धमकी दी। हमने भोगनीपुर थाने में एफआईआर दर्ज करा सीएम योगी आदित्यनाथ को मामले की जानकारी दे दी है।
कनपुर आ चुका है अदृष्य चेहराएडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया, ’जिस नंबर से धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं, वह अमेरिका के टेक्सास का है। आईडी ट्रेस करने से पता चला है कि वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के एक साथी अली बुदेश के नाम पर है वहीं इंटरनेट प्रोटोकॉल अड्रेस (आईपी अड्रेस) पाकिस्तान का आ रहा है। अली बुदेश फिलहाल दाऊद से अलग गैंग चलाता है। आनंद कुमार ने बताया कि अली बुदेश गल्फ देशों में सक्रिय है, लेकिन पिछले पांच वर्षों से भारत में उसकी कोई आपराधिक गतिविधि नहीं हुई है। अली बुदेश की मां मुंबई और पिता बहरीन के रहने वाले हैं और उनका वहीं पर बिजनेस है। वहीं सूत्रों की मानें तो बुदेश का कानपुर से गहरा संबध है और डी कंपनी में काम करने के दौरान वह कई बार शहर आया है। साथ ही डी कंपनी के कई गुर्गे आज भी शहर में गैर कानूनी गतिविधियां चला रहे हैं। जिसकी एक खूफिया रिपोर्ट एक साल पहले जांच एजेंसियों ने गृहमंत्रालय को भेजी थीं।
दाउद का कानपुर से गहरा नाताकरीब दो दशक पहले डी- 2 गैंग का शहर में आतंक था। उस वक्त यह गैंग अपहरण कर फिरौती वसूलना और भाड़े में कत्ल कर काली कमाई करता था, लेकिन जब यह गैंग डी कम्पनी के टच में आया तो इस गैंग ने डी कम्पनी की मदद से यहां पर सूखे नशे (स्मैक) और असलहे का काला कारोबार शुरू किया। धीरे- धीरे यह शहर नशे में टॉप मंडी हो गई। यह गैंग अब पहले की अपेक्षा कमजोर हो गया है, लेकिन डी कम्पनी की अभी भी जड़े जमी हुई हैं। अभी भी नशे का जो काला कारोबार हो रहा है। उसके पीछे डी कम्पनी ही है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर में एक्टिव डी टू गैंग का डी कम्पनी से करीब तीन दशक पुराना कनेक्शन है। यह शहर का सबसे खतरनाक और बड़ा गैंग है। इस गैंग के सरगनाओं के डी कम्पनी के सरगना दाउद इब्राहिम समेत उनके गुर्गो से करीबी संबंध होने की बात सामने आ चुकी है। इस गैंग को नई सड़क के अतीक अहमद, शफीक, बिल्लू, बाले और उसके तीन भाइयों ने खड़ा किया था। अतीक और उसके भाइयों की दाउद और उनके गुर्गों से बात भी होती थी। अतीक के जेल जाने के बाद उसके भाई ने कमान संभाली
। खुद संभाली गैंग की कामनखुफिया रिपोर्ट के मुताबिक तीन दशक पुराने इस गैंग में अभी भी सौ से ज्यादा क्रिमिनल हैं। अतीक के जेल जाने के बाद उसके भाई शफीक ने गैंग की कमान संभाली। इसके बाद बिल्लू, बाले और फिर रफीक ने गैंग को संभाला। इस दौरान उनका भतीजा टायसन भी गैंग में शामिल हुआ। उसकी चाचाओं से बनी नहीं और उसने पुलिस की मदद से दो चाचाओं का एनकाउंटर करा दिया, जबकि अन्य जेल में है। अब गैंग की कमान उसके पास है। पुलिस की खुफिया टीम उस पर पल- पल नजर रख रही है। वहीं आईएसआई एजेंट इम्तियाज और वकास का कानपुर कनेक्शन है। एटीएस ने दोनों को कानपुर से ही पकड़ा था। दोनों इस समय जेल में हैं। पुलिस पूछताछ में दोनों ने यहां पर रहकर गोपनीय जानकारी आईएसआई को देने की बात कबूली थी। लश्कर- ए- तैयबा के खूंखार आतंकी और बम एक्सपर्ट अब्दुल करीम टुंडा का शहर से कनेक्शन रहा है। यहां के शातिरों ने उससे बम बनाने की ट्रेनिंग ली है। शहर में पठान और आतिफ उसकी कमान संभालते हैं।
जाजमऊ में है दाउद के साढ़ू का घर दाउद इब्राहीम के साढ़ू का घर जाजमऊ में हैं, लेकिन यहां वह रहना नहीं। स्थानीय लोगों की मानें तो दाउद का चाचा की लड़की की शादी कानपुर में हुई थी। दाउद के आयाराम-गयाराम की दुनिया में कदम रखने से साढ़ू परिवार के साथ मुम्बई चला गया। वह कभी-कभार शहर आता है। सूत्रों की मानें तो इसी घर में कभी दाउद का दाहिना हाथ रहे छोटा राजन पनाह लिया करता था। मुम्बई से वह कानपुर आता और गैक कानूनी कार्यो को अंजाम देकर चला जया करता था। इतना ही नहीं आतंकी अबू सलेम और उसके परिवार का भी कानपुर में नेटवर्क फैला है। अबू सलेम जब बैंकाक में फरारी काट रहा था तो यहां से कुछ लोग उससे मिलने बैंकाक जाते थे। उसका भाई अबू जैश तो अक्सर शहर आकर रुकता है। जब मुंबई में ताज होटल में आतंकी हमला हुआ था। उस समय जांच एजेंसी सभी शातिरों पर शिकंजा कस रही थी। तब अबू जैश घंटाघर के एक होटल में ही रुका था।