लखनऊ का रहने वाला है हत्यारिन का फुफेरा भाई पुलिस और अभियोजन की डायरी के अनुसार, कानपुर के बाबूपुरवा इलाके के मुंशीपुरवा में पप्पू की 9 जनवरी 2015 की रात को बेरहमी से हत्या हुई थी। हत्याकांड के एक सप्ताह बाद पुलिस ने पप्पू की बीवी राजदा बानो को गिरफ्तार किया था। पुलिस की पड़ताल में सामने आया था कि राजदा ने अपने अवैध संंबंधों की खातिर पति पप्पू को रास्ते से हटाया था। राजदा बानो का मायका पड़ोसी मोहल्ले ढकनापुरवा में है। पुलिस पूछताछ में राजदा ने कबूल किया था कि उसका अपने फुफेरे भाई यानी लखनऊ के आलमबाग (ओमनगर) के तहसीम उर्फ छोटू के साथ अवैध रिश्ते हैं। दोनों एक साथ रहना चाहते हैं, लेकिन परिजनों को मंजूर नहीं था। इसी कारण पप्पू के साथ वर्ष 2011 में निकाह कर लिया था। शादी के बाद छोटू फिर मिलने आया तो इश्क फिर परवान चढऩे लगा।
पति ने रंगेहाथ पकड़ा, पंचायत ने सुनाया था फैसला एक दिन पप्पू ने अपनी बीवी राजदा और उसके फुफेरे भाई छोटू को आपत्तिजनक स्थिति में देखकर हंगामा किया। इसके बाद परिजनों की पंचायत हुई। तय किया गया कि राजदा और छोटू एक-दूसरे से दूर रहेंगे। इस पंचायत के बाद राजदा कुछ दिन तो शांत रही, लेकिन फिर दोनों में बातचीत होने लगी। एक दिन पप्पू ने अपनी बीवी को चोरी-चोरी बात करते देखा तो मोबाइल छीन लिया। मालूम हुआ कि छोटू के साथ बात हो रही थी और अक्सर होती थी। दोनों में खूब झगड़ा हुआ और रात के अंधेरे में राजदा ने पप्पू को घरेलू चाकू से काट डाला। इसके बाद रोने का नाटक करते हुए दो किमी दूर रहने वाले पप्पू के भाई नसीम को घटना के बारे में बताया।
मफलर से गला घोंटने का कबूलनामा, छोटू का नाम भी लिया पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करने के बाद राजदा को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि सर्दी की रात में पड़ोसी अपने-अपने कमरों में कैद थे। छोटू उससे मिलने आया था। ऐसे में दोनों ने मफलर से पप्पू का गला घोंटने के बाद चाकू से गोद दिया था। इस मामले में एडीजे प्रथम रजत सिंह जैन ने राजदा बानो को पति की हत्या का दोषी करार दिया, जबकि छोटू का लखनऊ से आने सहित कई सवालों के जवाब विवेचना में सटीक नहीं थे। इसके साथ ही छोटू के कमरे में होने की बात तक नहीं साबित हुई। ऐसे में सबूत न मिलने पर छोटू को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने साक्ष्य और गवाह के आधार राजदा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।