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UP Assembly Election 2022 : यूपी की यह सीट विधायकों के लिए बनी लकी, जीतने वाले विधायक बने मंत्री

locationकानपुरPublished: Oct 18, 2021 02:45:44 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

UP Assembly Election 2022 डेरापुर विधानसभा से लेकर परिसीमन के बाद रसूलाबाद सीट बनाने तक इस सीट की लोकप्रियता रही है।

UP Assembly Election 2022 : यूपी की यह सीट विधायकों के लिए बनी लकी, जीतने वाले विधायक बने मंत्री

UP Assembly Election 2022 : यूपी की यह सीट विधायकों के लिए बनी लकी, जीतने वाले विधायक बने मंत्री

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर देहात. UP Assembly Election यूपी के कानपुर देहात के रसूलाबाद विधानसभा (Rasulabad Assembly Seat) की बात की जाए तो 2012 के परिसीमन के बाद इस सीट का गठन हुआ था। जबकि इसके पहले यह सीट डेरापुर (Derapur Assembly Seat) के अस्तित्व में रही है। वर्तमान में यह विधानसभा कन्नौज लोकसभा (Kannauj Loksabha) क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस सीट की खास विशेषता रही है। चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक यहां से जीतने वाले विधायकों को मंत्री पद मिला है। परिसीमन के बाद बनी रसूलाबाद विधानसभा सीट पर अभी तक दो चुनाव हुए। पिछले 2017 के चुनाव में भाजपा से महिला प्रत्याशी निर्मला संखवार ने बड़ी जीत दर्ज की थी। यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर पार्टियां कमर कस चुकी हैं। भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस के दावेदार क्षेत्र में संपर्क बनाने में लग गए हैं।
इस सीट पर विधायक बनकर मिला मंत्री पद

डेरापुर विधानसभा से लेकर परिसीमन के बाद रसूलाबाद सीट बनाने तक इस सीट की लोकप्रियता रही है। इस सीट पर चुनाव आंकड़े बताते हैं कि यहां से विधायक बनने वाले को प्रदेश सरकार में मंत्री पद मिलता है। विधानसभा 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के शिवकुमार बेरिया यहां से चुनाव जीते थे। सपा सरकार ने उनको कैबिनेट मंत्री बनाकर रेशम वस्त्र उद्योग मंत्रालय दिया था। इसके बाद पर सीट पर 2017 में भाजपा ने कब्जा किया। आपको बता दें कि परिसीमन के पहले डेरापुर विधानसभा सीट थी। वहां से जनता दल से भगवानदीन कुशवाहा लोकप्रिय नेता रहे, जो पांच बार विधायक बने। जबकि एक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव 1996 में डेरापुर से भाजपा के देवेंद्र सिंह भोले ने चुनाव जीता और उन्हे स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनाया गया। वहीं 2002 में समाजवादी पार्टी से कमलेश पाठक विधायक बने। इसके बाद 2007 में बसपा से महेश त्रिवेदी ने जीत हासिल की और बसपा सरकार में मंत्री पद मिला।
इस सीट का राजनीतिक सफर

वर्ष 2012 में नए परिसीमन के बाद रसूलाबाद विधानसभा सीट का गठन हुआ। विधानसभा चुनाव 2012 में सपा से शिवकुमार बेरिया और बसपा से निर्मला संखवार के बीच यहां जमकर मुकाबला हुआ। जिसमें बेरिया ने निर्मला शंखवार को 16835 मतों से हराकर जीत दर्ज की। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की लहर में निर्मला ने बसपा को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा से टिकट लेकर चुनाव मैदान में आ गईं। भाजपा से निर्मला संखवार ने अपने सपा के प्रतिद्वंदी प्रत्याशी अरुणा कोरी को 33394 वोटों से हराया. इस चुनाव में सपा की अरुणा कोरी को 54996 वोट मिले थे। आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर अनुसूचित जाति जनजाति मतदाताओं की संख्या अधिक है।
कुल मतदाता – 316121
पुरुष मतदाता – 170704
महिला मतदाता -145397
थर्ड जेंडर – 20

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