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Panchayat Chunav Big News: चुनाव जीतने के बाद भी शपथ नहीं ले सकेंगे 175 प्रधान, न ही करा सकेंगे विकास कार्य

locationकानपुरPublished: Apr 10, 2021 01:12:48 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

ऐसे में निर्वाचित प्रधान कोई कार्य नहीं कर सकते। इन पंचायतों की कमान प्रशासक के हाथों में ही रहेगी।

Panchayat Chunav

Panchayat Chunav Big News: चुनाव जीतने के बाद भी शपथ नहीं ले सकेंगे 175 प्रधान, न ही करा सकेंगे विकास कार्य

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. यूपी पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) में पर्चा दाखिल करने के बाद प्रधान (Gram Pradhan) पद के प्रत्याशी दम खम से जुटे हुए हैं, लेकिन कानपुर की 175 ग्राम पंचायतों में चुनाव जीतने वाले ग्राम प्रधानों को झटका लगेगा। क्योंकि जितने के बाद भी नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे और न ही कोई कार्य कर पाएंगे। नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सामने आया है कि इन ग्राम पंचायतों में सदस्यों का दो तिहाई का कोरम ही पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में निर्वाचित प्रधान कोई कार्य नहीं कर सकते। इन पंचायतों की कमान प्रशासक के हाथों में ही रहेगी। अफसरों के मुताबिक दो माह बाद फिर से ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव कराकर कोरम पूरा कराया जाएगा।
आपको बता दें कि जिले की 590 ग्राम पंचायतों में सदस्य के 7446 पद हैं। इनमें से महज 5045 पदों के लिए ही नामांकन हुए हैं। इसके चलते 175 ग्राम पंचायतों में दो तिहाई सदस्य का कोरम पूरा नहीं हो सका है। नियमानुसार कोरम पूरा हुए बगैर प्रधान विकास कार्य नहीं करा सकते हैं। दरअसल जिस ग्राम पंचायत में 11 वार्ड हैं, वहां कम से कम आठ, अगर 13 वार्ड हैं तो नौ और 15 वार्ड हैं तो कम से कम 10 सदस्य अनिवार्य होते हैं। इस बार सदस्यों के 2401 पदों पर नामांकन ही नहीं हुआ है। फिलहाल इतनी बड़ी संख्या में सदस्यों का चुनाव न होना प्रधानों के लिए मुसीबत बन जाएगा। देखा जाए तो हर ग्राम पंचायत में छह समितियां होती हैं। प्रत्येक समिति में एक-एक ग्राम पंचायत सदस्य शामिल होते हैं। इनकी सहमति और हस्ताक्षर से ही विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार होती है।
जिला पंचायतीराज अधिकारी कमल किशोर ने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में सदस्यों की संख्या कम है, वहां दो माह बाद फिर से चुनाव कराना होगा। सदस्यों का कोरम पूरा होने पर ही ग्राम पंचायत को पूर्ण माना जाएगा। इसके बाद 175 ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण होगा। जिसके बाद वे विकास कार्य करा सकेंगे।
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