यूपी में पंचायत चुनाव चरम पर है, क्योंकि चुनाव चिह्न मिलने के बाद प्रत्याशी प्रचार एवं लोगों से संपर्क करने में जुट चुके हैं। इस बार पंचायत चुनाव में भाजपा ने जिला पंचायत स्तर पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। कानपुर में भी सभी 32 सीटों पर पार्टी ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान उतार दिए हैं। साथ ही अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए पार्टी ने अपने सांसदों, विधायकों को भी उतार दिया है। दरअसल पूरे कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में 11 संसदीय क्षेत्रों में 11 सांसद भाजपा के ही हैं। वहीं 52 विधानसभा सीटों में से भाजपा के 47 विधायक हैं। इस तरह भाजपा के पास सांसद और विधायक की बड़ी टीम हैं।
संगठन ने टीम को उनकी पकड़ के हिसाब से क्षेत्र सौंप दिए हैं। जिन्हें प्रत्याशी के पक्ष में बैठकें और जनसंपर्क भी करना है। अपने चुनाव चिह्न पर प्रत्याशियों को ना लड़ाने के बाद भी प्रत्याशियों की घोषणा की वजह से पार्टी की प्रतिष्ठा इस चुनाव में जुड़ी हुई है। कानपुर ग्रामीण जिला इकाई के अधीन 32 में से 29 सीटें आती हैं। चुनाव में कार्यकर्ताओं की कमी ना पड़े, इसके लिए उत्तर जिले के पदाधिकारियों को ग्रामीण जिले में जिम्मेदारी दी गई है। सभी को अलग-अलग सीटों पर लगाया गया है, जहां रुक कर उन्हें संगठन के कार्यों को तेज करना है। वहीं जिलाध्यक्ष कृष्ण मुरारी शुक्ला के मुताबिक जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिले के पदाधिकारी भी लगातार बैठकें और जनसंपर्क कर रहे हैं।