शासन को भेजे गए प्रस्ताव में 6 दिशाओं में मॉनिटरिंग सेंसर लगाए जाएंगे, ताकि कानपुर में हर कोने में प्रदूषण की सही स्थिति का आंकलन किया जा सके. चारों दिशाओं के साथ ही उत्तर-पूरब और दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी मॉनिटरिंग सेंसर लगाने की बात कही है. मौजूदा समय में यूपीपीसीबी मैनुअल तरीके से 5 स्थानों किदवई नगर, जरीबचौकी, पनकी-1, शास्त्रीनगर और आवास विकास कल्यानपुर में मॉनिटरिंग की जाती है. इसके अलावा ब्रह्मनगर चौराहे पर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का मॉनिटरिंग स्टेशन है, जो नेशनल लेवल पर प्रदूषण का डाटा बताता है.
यूपीपीसीबी ने पिछले साल जारी डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसका संज्ञान लेते हुए कहा गया है कि सही मॉनिटरिंग न होने के चलते प्रदूषण का भयावह डाटा पहुंचा. इसके चलते पूरे विश्व में कानपुर की बदनामी भी हुई. इस भूल का सुधारने के लिए अब विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने यह प्रस्ताव बनाकर शासन और बोर्ड को भेजा है. इसपर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है.
पूरे देश में कानपुर को नॉन अटेनमेंट शहरों की श्रेणी में शामिल किया गया है. इस श्रेणी में उन शहरों को शामिल किया जाता है, जहां एसपीएम को लेवल 10 से ज्यादा है. इसका मतलब यह है कि शहर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक है और इसके कम किया जाना अतिआवश्यक है. बता दें कि सर्दियों में सबसे अधिक प्रदूषण वाहनों, कूड़ा जलाने और सड़कों पर धूल उडऩे से होता है. इसे कम करने के लिए आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और एनएचएआई को खास तौर पर निर्देश दिए गए हैं.