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सीएसए के मौसम विभाग ने दी चेतावनी, बारिश के साथ आ सकती धूल भरी आंधी

locationकानपुरPublished: May 07, 2018 07:19:24 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

जिला प्रशासन अर्लट, राहत-बचाव के लिए टीम गठित

जिला प्रशासन अर्लट, राहत-बचाव के लिए टीम गठित
कानपुर। तापमान में लगातार उतार-चड़ाव के चलते सीएसए के मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। सात व आठ मई को बारिश के साथ धूल भरी आंधी आने की संभावना है। ऐसे में लोगों से अपील की है कि वह अपने-अपने घरों के अंदर रहें। खेतों और पेड़ों के नीचे नहीं ठहरे। मौसम विभाग के बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी को देखते हुये जिला प्रशासन भी अर्लट है और राहत व बचाव कार्य के लिए एडीएम के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर दिया है। साथ ही जल और विद्युत विभाग से भी कहा है कि वह अपनी टीमों को तैनात रखें। डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि रविवार को हल्की बूंदाबांदी हुई थी। बावजूद जिला प्रशासन सर्तक है और प्राकृतिक आपदा आने पर उससे निपटने के लिए तैयार है।
48 से 72 घंटे तक रहें सचेत
पिछले हफ्ते कानपुर के साथ ही आसपास के जिलों में बारिश, तूफान और ओलावृष्टि ने आमजनजीवन तहस-नहस कर दिया था। बुधवार की रात प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने से कानपुर नगर व देहात में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसी के बाद से मौसम विभाग के साा जिला प्रशासन अर्लट पर है। मौसम वैज्ञानिक अनुरूद्ध दुबे ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के अलावा कानपुर जोन के कई जिलों में में बारिश के साथ तेज आंधी का आ सकती है। यह खतरा आठ, नौ और दस मई तक बना रहने की संभवना है। अनुरूद्ध दुबे ने बताया कि कानपुर के साथ यूपी के कई जिं में अगले 48 से 72 घंटे में बारिश हो सकती है।अगले एक-दो दिन में इस दौरान अलग-अलग स्थानों पर तेज आंधी/तूफान आने की संभावना है।
जिले में जमकर तबाही मचाई
बुधवार की रात करीब 60 से 70 किमी. से अधिक की रफ्तार से चल रही तेज हवाओं ने जिले में जमकर तबाही मचाई। बिजली के खंभे गिरने और पेड़ उखड़ने के साथ इस आपदा में पांच लोगों की जान भी चली गई, वहीं देतात में तीन लोगों की मौत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक आंधी तूफान की चपेट में आए 11 जानवर भी मर गए थे। एक दर्जन से अधिक कच्चे व पक्के मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। तूफान और ओलावृष्टि में कच्चे मकान में रहने वाले लोगों ने पक्की जगह देख अपनी जान बचाई और पूरी रात जागते हुए काटी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2.32 लाख रुपये से अधिक का शहरवासियों को नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट शासन द्वारा तय मानक के आधार पर की गई है। वास्तविक नुकसान की कीमत इससे कहीं अधिक है।
आठ की मौत, सैकड़ों एकड़ फसल चौपट
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय चौहान ने बताया कि बुधवार रात तूफान से पूरा जिला प्रभावित था। कठारा की सुनीता पाल, अवलीपुरवा की अनारश्री, घाटमपुर के बृजमोहन सिंह, बड़ागांव नर्वल के सूरजबली की मौत पर परिजनों को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की है। इसके अलावा जिले में तीन झोपड़ी, छह कच्चे मकान और तीन शेड भी पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। इसके अलावा काफी संख्या में छिटपुट नुकसान हुआ है, जिसका आंकलन तहसील के अधिकारी कर रहे हैं। किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक के परिवार को चार लाख रुपये, आंशिक मकान गिरने पर 5200 रुपये, आंशिक कच्चा मकान गिरने पर 3200 रुपये, झोपड़ी गिरने पर 3200 रुपये, दुधारू भैंस के मरने पर 30 हजार रुपये, मुर्गी फार्म ध्वस्त होने पर पांच हजार रुपये, बकरी के मरने पर तीन हजार रुपये, पड़िया व भैंस मरने पर 46 हजार रुपये सहायता के रूप में दिया जाएगा।
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