पूर्व सीएम अखिलेश यादव के इस प्रोजेक्ट को बनाने का संजय खान ने लिया था जिम्मा, सत्ता बदलते ही खीच लिए अपने हाथ
कानपुर। पूर्व सीएम
अखिलेश यादव के साथ बॉलीबुड के एक्टर संजय खान ने 2014 में एक थीम प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए हामी भरी थी। खुद अखिलेश यादव के साथ संजय खान
आगरा मेंरामायण और महाभारत के योद्धाओं की वीरगाता पार्क में उकेरने जाने पर हस्ताक्षर किए थे। इस प्रोजेक्ट के लिए संजय खान की कंपनी इंटरटेनमेंट से करार हुआ था। थीम को पूरा करने के लिए जमीन की जिम्मेदारी यूपीएसआईडीसी को सौंपी गई थी। विभाग ने प्रोजेक्ट के लिए जमीन तलाश ली और इसकी नींव रखने के लिए 600 रूपए बैंक से कर्जे के तौर पर ले लिए, जिसका व्याज करीब आठ करोड़ रूपए पहुंच गया है। लेकिन यूपी में सत्ता बदलते ही संजय खान से इस प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खीच लिए। जिसके कारण यूपीएसआईडीसी को इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होना पड़ा। यूपीएसअसईडीसी ने संजय खान को नोटिस भेजकर 608 करोड़ रूपए वापए किए जाने की मांग की है।
आगरा में बनना था थीम पार्कउत्तर प्रदेश में सपा सरकार थी। कई कारोबारियों और फिल्मी हस्तियों ने प्रदेश को स्वस्थ्य और ुसुंधर रखने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए थे। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आगारा में एक थीम पार्क बनाए जाने का ऐलान किया। अखिलेश ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए यूपीएसआईडीसी को कार्य सौंपा। यूपीएसआईडीसी के इस प्रोजेक्ट को लेने का जिम्मा फिल्मी एक्टर संजय खान ने लिया। वह पूर्व सीएू अखिलेश की मौजूदगी में थीम प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए हस्ताक्षर किए और अपनी कंपनी इंटरटेनमेंट को लगा दिया। इंटरटेनमेंट कंपनी ने यूपीएसआईडीसी से जमीन सहित अन्य निर्माण कराए जाने को कहा। विभाग ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के निए बैंक से 600 करोड़ का कर्जा लिया और किसानों की एक हजार एकड़ खेत पैसे देकर ले लिए। जमीन का अधिकरण 2015 में पूरा हो गया और आगे का कार्य इंटरटेनमेंट कंपनी को करना था। लेकिन यूपी में सत्ता बदलते ही संजय खान की इंटरटेनमेंट कंपनी ने इस प्रोजेक्ट से हाथ पीछे खीच लिए, जिसके कारण यूपीएसआईडीसी के 608 करोड़ रूपए फंस गए।
इस थीम के लिए किए थे हस्ताक्षरफिल्मी एक्टर संजय खान ने आगरा में प्राचीन, मध्ययुगीन, आधुनिक तीनों का समावेश इस परियोजना में होना था। जिसमें मोहनजोदड़ो, पटिलपुत्र, अयोध्या, कुरूखेत्र व द्धारिका के तरह इसे संवारना था। गुप्तकाल की थीम पर भी कई निर्माण होने थे। एक तरह से यह थीम पार्क देश से अलह ही स्वरूप के लिए जाना जाता। यूपीएसआईडीसी के एमडी रणवीर प्रसाद के मुताबिक तीन करोड़ 62 लाख रूपए में इस थीम की दिवार खड़ी होनी थी। एमडी ने बताया कि आगरा थीम प्रोजेक्ट परियोजना की लागत दस हजार करोड़ रूपए की थी। इसके लिए पूर्व सीएम अखिलेश यादव मई 2014 में संजय खान की मौजूदगी में उनकी कंपनी इंटरटेनमेंट प्राईवेट लिमिटेड से एग्रीमेंट हुआ था। 2016 में इस पर
काम भी शुरू हो गया। पर सत्ता जाते ही संजय ,खान इस प्रोजेक्ट से हट गए, जिसके कारण यूपीएसआईडीसी 608 करोड़ का कर्जदार बन गया।
यूपीएसआईडीसी को देनी थी जमीनयूपीएसआईडीसी के एमडी ने बताया कि प्रोजेक्ट में हस्ताक्षर करने के वक्त संजय खान ने कहा कि थीम के लिए जमीन की व्यवस्था यूपीएसआईडीसी करेगा। जिस दिन जमीन का अधिगृहण हो जाएगा उसी के बाद इंटरटेनमेंट कंपनी थीम प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू कर देगी। एमडी ने बताया कि विभाग ने यमुना एर्क्स्पेस-वे को जोड़ने वाले इस रिंग रोड के दोनों तरफ करीब 1 हजार एकड़ जमीन किसानों से खरीद ली। जमीन खरीदने के लिए विभाग ने बैंकों से लोन लिया। जमीन पूरी तरह जब यूपीएसआईडीसी के पास आ गई तो हमने 2015 में संजय खान की इंटरटेनमेंट कंपनी को थीम प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए कहा। शुरूआत में कंपनी के अफसर व कर्मचारी आगारा में दिए। 2017 के चुनाव से पहले कार्य रोक कर कंपनी ने साजो-सामान लेकर निकल लिए। यूपी में सत्ता बदलते ही कंपनी व संजय खान ने प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खीच लिए। यूपीएसआईडीसी को बैंकों की तरफ से कर्जा वापस करने के लिए पत्र आने लगे तो हमने संजय खान की इंटरटेनमेंट कंपन से संकर्प िकया, लेकिन उत्तर नहीं मिलने पर हमने उन्हें नोटिस देकर पैसा वापस करने की मांग की है। अगर वह पैसे नहीं देते तो यूपीएसआईडीसी संजय खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होगा।