कानपुर

यूपीटीटीआई इस धातु से बनाएगा आग न पकडऩे वाला कपड़ा

इंफेक्शन से बचाएगा और कपड़ा बदबू नहीं मारेगायूपीटीटीआई ने नैनोटेक्नोलॉजी की तकनीक खोजी

कानपुरJan 23, 2020 / 03:24 pm

आलोक पाण्डेय

यूपीटीटीआई इस धातु से बनाएगा आग न पकडऩे वाला कपड़ा

कानपुर। चांदी के जेवर और बर्तन तो इस्तेमाल किए ही जाते हैं अब चांदी के नैनोपार्टिकल से कपड़ा भी तैयार किया जाएगा। यह कपड़ा इंफेक्शन रोकेगा और इससे बने रुमाल और मोजे बदबू भी नहीं मारेंगे। यूपीटीटीआई ने इस तकनीक के जरिए कपड़ा बनाने को लेकर आयोजित एक कार्यशाला में यह जानकारी दी। इस कपड़े की सबसे खास बात यह होगी कि यह आग नहीं पकड़ेगा। इसे लेकर यूपीटीटीआई में शोध अभी चल रहे हैं।
छात्रों को दिया गया मशीनों का प्रशिक्षण
नैनोटेक्नोलॉजी पर आधारित इस कार्यशाला में उत्तरप्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान में आयी मशीनों का छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया गया। तीन दिन चलने वाली इस कार्यशाला में मुंबई व जलगांव के अलावा नैनोटेक्नोलॉजी से जुड़े विशेषज्ञ भी शामिल हुए।
जापान से लायी गई मशीन
चांदी के नैनोपार्टिकल से कपड़ा बनाने वाली यह मशीन जापान से मंगाई गई है। ये मशीन केवल यूपीटीटीआई में ही है, इसलिए सभी शिक्षकों ने इसे बारीकी से समझा। जलगांव से आए डॉ. श्रीशाम ने बताया कि एलोवेरा, यूके लिप्टस, गेंदा के एक्सट्टस का नैनो पार्टिकल बनाकर देखा जा रहा है। नैनोपार्टिकल तक एनालाइजर करने के बाद मैटेरियल में अनेक तरह के बदलाव नजर आते हैं।
पानी और हवा में धूल का परीक्षण होगा
यूपीटीटीआई के निदेशक प्रो. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि नैनोटेक्नोलॉजी के जरिए पानी मेें डस्ट और हवा में धूल का परीक्षण हो सकता है। इस परीक्षण के बाद दो अलग-अलग नैनोमैटैरियल को मिलाकर नया मैटेरियल तैयार किया जा सकता है।
डिफेंस सेक्टर के लिए तैयार होगा मैटेरियल
वर्तमान में ऐसे मैटेरियल को बनाया जा रहा है, जिसका प्रयोग डिफेंस सेक्टर में और हवाई जहाज बनाने में किया जा सकता है। यह हल्का होने के साथ गुणवत्तायुक्त होगा। भविष्य में सिर्फ नैनोटेक्नोलॉजी का ही प्रयोग होगा। इस कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को नैनोटेक्नोलॉजी उपकरण में प्रैक्टिकल करने का भी मौका मिलेगा।

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