यह नई व्यवस्था एक जुलाई से शुरू हो जाएगी। जिसमें यात्रियों को यूटीएस ऑन मोबाइल एप डाउनलोड करके नाम, पता, स्टेशन और यात्रा से संबंधित जानकारी देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इससे यात्री का एक जीरो बैलेंस का रेल वॉलेट बन जाएगा। जिसे किसी भी यूटीएस काउंटर से रिचार्ज कराया जा सकता है। इस एप के जरिए यात्री अपना एमएसटी खुद ही बना सकते हैं, जिसका पैसा रेल वॉलेट से कट जाएगा।
इस नई व्यवस्था को इलाहाबाद मंडल से जुड़े सभी स्टेशनों पर एक जुलाई से लागू कर दिया जाएगा। जिसमें कानपुर भी शामिल है। इस सुविधा के लागू होने के बाद यात्री टिकट बनाने के बाद किसी टिकट काउंटर, टिकट वेडिंग मशीन पर जाकर टिकट का प्रिंट भी निकलवा सकते हैं।
इलाहाबाद मंडल के मंडलीय जनसंपर्क अधिकारी सुनील गुप्त ने बताया कि मोबाइल से यात्रा का लाभ लेने या फिर प्लेटफार्म टिकट बनाने पर यात्री को एक तरह से पांच फीसदी का कैशबैक भी मिलेगा। इसका मतलब यह है कि यदि आप इसका लाभ लेने की खातिर यूटीएस काउंटर, यूपीआई, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या फिर नेट बैकिंग से रिचार्ज करते हैं तो आपको पांच फीसदी अधिक राशि की रिचार्ज वैल्यू मिलेगी।
मोबाइल एप के जरिए बुक टिकट प्रिंट न करने तक आप निरस्त भी करा सकते हैं। पेपर टिकट का प्रिंट निकाल लिया है तो टिकट का निरस्तीकरण काउंटर पर ही नियमानुसार ही होगा। पेपरलेस टिकट बनाने पर कम से कम ट्रैक से 25 मीटर दूर होना चाहिए। पेपरलेस प्लेटफार्म टिकट स्टेशन से दो किमी की परिधि में होना जरूरी है और यात्रा टिकट सफर वाले स्टेशन से पांच किमी की परिधि में हो। पेपरलेस टिकट का निरस्तीकरण नहीं होगा। टीटीई के मांगने पर बुक टिकट विकल्प का उपयोग करके दिखा सकते हैं।