कोविड-19 टीकाकरण - सबको लगेगा कोरोना का टीका, हो रही ऐसी तैयारियां
- 21 जोन में बांटा गया है कानपुर को निगरानी के लिए एसीएमओ स्तर का अधिकारी
- पूर्व में चलाए गए अभियान के खंगाले गए पन्ने
- 60 लाख आबादी का होगा टीकाकरण
- आजादी के बाद से चलाए गए कई टीकाकरण अभियान

कानपुर. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीज कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान की तैयारी जोरों पर है जिसका ट्रायल भी किया जा रहा है इसके लिए जनपद को 21 जोन में बांटा गया है। निगरानी के लिए एक कोर कमेटी भी बनाई गई है। जिसका एसीएमओ स्तर के अधिकारी नेतृत्व करेंगे। कानपुर 60 लाख निवासियों को कोरोना वैक्सीन टीकाकरण के लिए पुरानी फाइलों को खंगाला जा रहा है। उल्लेखनीय है इसके पूर्व भी कई अभियान चलाए जा चुके हैं। जिनमें महामारी व विभिन्न बीमारियों के रोकथाम के लिए टीकाकरण किया गया था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया
इस संबंध में सीएमओ डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण को लेकर विभाग अपनी तैयारी कर चुका है। पूर्व में चलाए गए अभियानों का भी अध्ययन किया गया है। कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण महा अभियान सभी आयु वर्गों के लिए होगा। उन्होंने बताया कि कानपुर को 21 जोन में बांटा गया है। जिसके लिए एक कोर कमेटी भी बनाई गई है। एसीएमओ के नेतृत्व में बनाई गई कोर कमेटी सीएमओ और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही यह कमेटी माइक्रो प्लानिंग की निगरानी के साथ मामले को अपडेट करेगी। सीएमओ ने बताया कि वैक्सीन टीकाकरण महा अभियान के लिए हाई पावर एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन कमेटी का गठन किया गया है। जो टीकाकरण अभियान के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर कर और उनका समाधान करेंगे। कमेटी का अध्यक्ष सीएमओ को बनाया गया है। जिला प्रशिक्षण अधिकारी सचिव होंगे। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष, आईएमए व एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पदाधिकारी सदस्य के रूप में रहेंगे।
पूर्व में चलाए गए अभियान
सीएमओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक कई टीकाकरण अभियान बड़े पैमाने पर चलाए जा चुके हैं। जिसमें 1978 का एक्सटेंडेड इम्यूनाइजेशन स्मॉल पॉक्स, 1980 में स्मालपॉक्स से मुक्ति अभियान, 1985 में यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम, 1992 में चाइल्ड सर्वाइवल एंड सेफ मदरहुड प्रोग्राम चलाया गया था। जिसमें टीवी, डिप्थीरिया, परटुसिस, टिटनेस, खसरा, पोलियो जैसी बीमारियों को शामिल किया गया था। इसी प्रकार 2007 में हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण चलाया गया था। जो 1 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए था। 2015 में पेंटावेलेंट वैक्सीन 2017 में नीमोकॉक्कल वैक्सीन और दो हजार अट्ठारह में रोटावायरस वैक्सीन अभियान चलाया गया था। जो 1 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए था।
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