इस तकनीक में चीन से भी आगे
मेथेनॉल से वाहन चलाना पेट्रोल के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है। यह तकनीक चीन में अपनाई जा चुकी है। वहां इस तकनीक के सहारे पेट्रोल में २० प्रतिशत मेथेनॉल मिलाकर वाहन चालाए जाते हैं, लेकिन आईआईटी के वैज्ञानिक इससे भी आगे निकल गए। वैज्ञानिकों ने पेट्रोल में ८५ फीसदी मेथेनॉल मिश्रण से वाहन चलाने में सफलता हासिल की है।
मेथेनॉल से वाहन चलाना पेट्रोल के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है। यह तकनीक चीन में अपनाई जा चुकी है। वहां इस तकनीक के सहारे पेट्रोल में २० प्रतिशत मेथेनॉल मिलाकर वाहन चालाए जाते हैं, लेकिन आईआईटी के वैज्ञानिक इससे भी आगे निकल गए। वैज्ञानिकों ने पेट्रोल में ८५ फीसदी मेथेनॉल मिश्रण से वाहन चलाने में सफलता हासिल की है।
बाइकों पर सफल प्रयोग
आईआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल की टीम ने जो इंजन बनाया है उसे मेथेनॉल से चलाना आसान है। इसके अलावा सामान्य १०० और ५०० सीसी की बाइकों पर को भी मेथेनॉल से चलाया जा चुका है, किसी बाइक से कोई शिकायत सामने नहीं आयी है। इसके लिए साधारण बाइक के कारबोरेटर में १०० रुपए का खर्च कर थोड़ा बदलाव करना पड़ेगा।
आईआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल की टीम ने जो इंजन बनाया है उसे मेथेनॉल से चलाना आसान है। इसके अलावा सामान्य १०० और ५०० सीसी की बाइकों पर को भी मेथेनॉल से चलाया जा चुका है, किसी बाइक से कोई शिकायत सामने नहीं आयी है। इसके लिए साधारण बाइक के कारबोरेटर में १०० रुपए का खर्च कर थोड़ा बदलाव करना पड़ेगा।
स्वदेशी ईंधन को बढ़ावा
मेथेनॉल का निर्माण गन्ना और शकरकंद और शहरी अपशिष्ट से किया जाता है। मेथेलॉल को जल परिवाहन के लिए भरोसेमंद ईंधन माना जाता है, क्योंकि यह भारी ईंधन का अच्छा विकल्प है। मेथेलॉन हल्का, वाष्पशील, रंगहीन और ज्वलनशील होता है। यह एक कार्बनिक यौगिक है और इसे काष्ठ अल्कोहल भी कहते हैं। यह पूरी तरह से स्वदेशी ईंधन है और इसका प्रयोग बढऩे से अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
मेथेनॉल का निर्माण गन्ना और शकरकंद और शहरी अपशिष्ट से किया जाता है। मेथेलॉल को जल परिवाहन के लिए भरोसेमंद ईंधन माना जाता है, क्योंकि यह भारी ईंधन का अच्छा विकल्प है। मेथेलॉन हल्का, वाष्पशील, रंगहीन और ज्वलनशील होता है। यह एक कार्बनिक यौगिक है और इसे काष्ठ अल्कोहल भी कहते हैं। यह पूरी तरह से स्वदेशी ईंधन है और इसका प्रयोग बढऩे से अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
प्रदूषण में भी आएगी कमी
फिलहाल पेट्रोल में १० फीसदी मेथेनॉल मिलाकर बेचा जाता है। आईआईटी ने ८५ फीसदी मेथेनॉल और १५ फीसदी पेट्रोल के मिश्रण की तकनीक खोजी है। इससे एक ओर वाहन चलाने का खर्चा कम होगा तो दूसरी ओर वायु प्रदूषण में भी काफी कमी आएगी।
फिलहाल पेट्रोल में १० फीसदी मेथेनॉल मिलाकर बेचा जाता है। आईआईटी ने ८५ फीसदी मेथेनॉल और १५ फीसदी पेट्रोल के मिश्रण की तकनीक खोजी है। इससे एक ओर वाहन चलाने का खर्चा कम होगा तो दूसरी ओर वायु प्रदूषण में भी काफी कमी आएगी।