इस वजह से कई बार नेता व उनके समर्थकों की टोल कर्मियों से मारपीट हो जाती है। इसलिए मंत्रालय ने अब वीआईपी वाहनों में भी फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया है। फास्टैग लगाने के लिए फतेहपुर और बराजोड़ टोल प्लाजा पर बैंकों ने अपने कैंप लगवा है। जिन वाहनों में फास्टैग नहीं है और वह जाम से बचना चाहते हैं तो वह टोल में घुसने से पहले ही वाहन में फास्टैग लगवा सकते हैं। इसके बाद वे बिना जाम में फंसे वह निकल जा रहे हैं। हर रोज 70 से ऊपर वाहन इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा ने बताया कि मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के मुताबिक चार पहिया या उससे बड़े पुराने वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए उसके वाहन में फास्टैग लगाना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि अगर वाहनों में फास्टैग नहीं लगा मिला तो वह अपना फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं ले सकेंगे। इस दौरान उसे फास्टैग नंबर देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही शोरूम संचालक को भी बिक्री होने वाले नए वाहनों में फास्टैग लगाकर ही देना होगा। इधर जनवरी में नियमों में होने वाले बदलाव को लेकर सभी टोल प्लाजा पर सेंसर मशीन लगाई जा रही हैं। इससे वाहन सवार ज्यादा समय गंवाए बिना अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।