इसके पहले चौधरी हरमोहन सिंह को लेकर उनके परिवार में होने वाले बड़े आयोजन में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार का ही नाम जुड़ता रहा है। मगर विगत 2 वर्षों से लगातार दूरी देखी जा रही है। जब पिछले वर्ष आयोजन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव आए थे। तब उन्होंने चौधरी हरमोहन सिंह के बेटे राज्यसभा सांसद सुखराम यादव (Sukhram Singh Yadav) के पुत्र मोहित यादव (Mohit Yadav) को लेकर यह कहा था कि अब वह भाजपा के साथ रहेंगे। इस बार भी आज 18 अक्टूबर को होने वाले आयोजन का जिम्मा मोहित यादव लिए हैं।
सुखराम यादव की तरफ से यह कह दिया गया है कि उनका बेटा बालिग और समझदार है। किसी भी पार्टी के साथ रहने के लिए वह आजाद है। इससे कहा जा रहा है कि मोहित का भाजपा में जाना हो सकता है। हालांकि पिता सुखराम सिंह के भाजपा में जाने को लेकर कोई जवाब नहीं मिला। मगर भाजपा से नजदीकियां सुखराम सिंह यादव से लगातार बढ़ती देखी जा रही हैं। अभी हाल ही में कानपुर में अखिलेश यादव के विजय रथ यात्रा से भी सपा सांसद की दूरी बनी रही।
दरअसल सुखराम सिंह की जातिगत सहित ओबीसी मतदाताओं में मजबूत पकड़ है। वे अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा अधिकाधिक ओबीसी और यादव वोट बैंक अपने पाले में खींचना चाहती है। कानपुर नगर और देहात की लगभग सभी सीटों पर ओबीसी वोट बैंक अच्छी संख्या में है। जिसका असर पूरे प्रदेश के ओबीसी वोट बैंक पर पड़ना तय माना जा रहा है।