दरअसल चौबेपुर पुलिस ने विकास दुबे के भाई, परिवार समेत 29 लोगों के असलहा लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की थी। सभी की सुनवाई डीएम कोर्ट में चल रही थी। पूर्व डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी की कोर्ट ने 10 असलहा लाइसेंसों को निरस्त किया था। अब मौजूदा जिलाधिकारी आलोक तिवारी की कोर्ट ने दूसरे आठ असलहों के भी लाइसेंसों को निरस्त कर दिया है। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि बिकरू कांड से जुड़े और विकास दुबे के करीबियों के आठ लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।
इनके लाइसेंस हुए निरस्त जिनके लाइसेंस निरस्त हुए हैं उनमें विकास दुबे का भाई बिकरू निवासी दीपक दुबे, श्रीकांत शुक्ला, रमेश चंद्र द्विवेदी, राकेश कुमार, रवींद्र कुमार, मदारीपुरवा निवासी सूरज सिंह और बसेन निवासी आशुतोष उर्फ शिव त्रिपाठी के दो असलहा लाइसेंस शामिल हैं।
असलहों पर थे फिंगर प्रिंट कानपुर एनकाउंटर में जिन असलहों का इस्तेमाल हुआ था, उनमें से दस असलहों पर तमाम लोगों की उंगलियों के निशान थे। चार्जशीट के साथ लगाई गई एफएसएल टीम की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी साझा की गई है। यह निशान एक-दूसरे को असलहा देने और लेने में आए। चार्जशीट में जिन 102 गवाहों की गवाही दाखिल की गई है। उसमें भी इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने एक-दूसरे को असलहे दिए थे। वहीं बिकरू कांड में पुलिस अब तक एक दर्जन से ज्यादा असलहे बरामद कर चुकी है। इसमें बंदूक, राइफल, तमंचा आदि शामिल हैं। पुलिस से लूटी गई पिस्टल और एके-47 में भी आरोपियों की उंगलियों के निशान मिले हैं। इसके बारे में भी एफएसएल रिपोर्ट में जानकारी दी गई है।