प्रारंभिक जांच में पता चला है कि विकास दूबे के उत्तराखंड, मुंबई, नोएडा में करीब 21 फ्लैट और 11 से ज्यादा मकान हैं। इसके अलावा 20 से अधिक ऐसी प्रापर्टी के कागजातों का पता चला है जो बेनामी हैं। दुबई और बैंकॉक में करीब 25 करोड़ रुपए के उसने दो आशियाने खरीदे थे। वह कानपुर के बड़े उद्योगपतियों के लिए प्रॉपर्टी डीलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का भी काम करता था।
ईडी की जांच से पता चला है कि विकास दुबे ने पिछले एक साल में दर्जनभर से ज्यादा विदेश यात्राएं कीं। इनमें थाईलैंड, दुबई और अमरीका की यात्रा प्रमुख है।
एसटीएफ से पूछताछ में विकास ने बताया था कि वह प्रदेश के कम से 3 आईपीएस और 6 विधायकों के सीधे संपर्क में है। ये लोग इसके मददगार थे। कानपुर के दो पूर्व विधायक जिसमें एक अब भाजपा और एक कांग्रेस में हैं विकास के लिए धरना-प्रदर्शन तक किया करते थे।
विकास अपराध के साथ राजनीति में भी सक्रिय था। बसपा से वह 15 साल तक जुड़ा रहा। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य भी था। 2012 में सपा में आ गया। 1990 में अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के बाद उसे सियासी समर्थन मिलता रहा। इसीलिए उसके घर ही 15 साल तक ग्राम प्रधानी रही। उसकी बहू, पत्नी वह खुद राजनीति में सक्रिय था।