यमुना में पानी का बढ़ना निरंतर जारी है। इसके चलते समीपस्थ कई गांव सहित समूचे क्षेत्र में दहशत व्याप्त है। आपको बता दें कि गुरुवार से लगातार यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। अब क्योंटरा एवं ग्राम चपरघटा पूर्णत: टापू बनें हैं। ग्राम क्योटरा दक्षिण व पूर्व दिशा में यमुना नदी हिलोरें मार रही हैं। सेंगुर नदी का पानी उत्तर व पश्चिम दिशा से गांव का घेरा बनाकर बह रहा है। यही हाल ग्राम चपरघटा का है। चारों ओर पानी ही पानी भरा है। मुसरिया नगीना आढ़न पथार पड़ाव मार्ग पर पहले से अवरुद्ध हैं। सोमवार शाम तक यमुना का जलस्तर 109.90 मीटर पहुंच गया था। बताया जा रहा कि अभी और बढ़ने की उम्मीद है।
क्योटरा बांगर समेत आढ़न पथार के एक दर्जन से अधिक घरों में पानी भर गया है। बाढ़ के चलते ग्राम नथवापुर, क्योटरा बांगर, ग्राम चपरघटा, मुसरिया सहित आढ़न पथार व पड़ाव ग्राम के विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित चल रहा है। वहीं ग्राम चपरघटा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय के गेट के दरवाजे में पानी भरा हैं। बाढ़ की विभीषिका ने दो दर्जन से अधिक गांवों के किसानों के मुंह का निवाला छीन लिया है। ग्रामीणों के मुताबिक शासन प्रशासन ने सिर्फ नावें चलवाई हैं। इसके अतिरिक्त किसान बाढ़ पीड़ितों की और कोई मदद नही की गई है। बाढ़ में तमाम नलकूप जो फसलों को पानी देते थे, वो स्वयं बाढ़ के पानी में घिरे खड़े हैं। उपजिलाधिकारी राजीव राज ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में नजर रखी जा रही है। टीमें लगा दी गई हैं।