क्या है मामला
नसड़ा गांव के ग्रामीण ग्राम सचिव द्धारा रिश्वत मांगने को लेकर बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम सचिव अनिल शाक्य के कहने पर हमलोगों ने खुद के पैसे से टाॅयलेट का निर्माण करवा लिया। जब सरकारी मदद कोष में आई तो हमनें सचिव से रकम की मांग की। 12 हजार देने के बदले उसने 2 हजार की रिश्वत मांगी। इसी से आहत होकर हमसब ने गांधीगिरी का सहारा लेकर सचिव पर कार्रवाई की मांग की। जब सुनवाई नहीं हुई तो सिर के बाल मुंड़वा दिए।
सरकारी मदद देने से किया इंकार
ग्रामीण अनिल ने ग्राम सचिव पर आरोप लगाते हुए बताया कि उसने कहा था कि हरहाल में 2 अक्टूबर तक हर घर के बाहर टाॅयलेट का निर्माण करा लें। अभी हमारे कोष में राशि नहीं है। जैसे ही पैसे आएंगे, वैसे ही सबको दे दिए जाएंगे। सचिव की बात पर यकीन करते हुए करीब 100 टाॅयलेट ग्रामीणों ने बनवा लिए गए, लेकिन उसने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया। डीएम विजय विश्वास पन्त, सीडीओ और बीडियो से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसी से आहत होकर हमलोगों ने महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलते शासन-प्रशासन को झुका दिया।
महिलाएं खुले में कर रही शौंच
महिला मायादेवी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को कामयाब बनाने के लिए मैंने अपने जेवरात रख कर टॉयलेट का निर्माण करवाया। ग्राम सचिव से सरकारी मदद की रकम मांगी, लेकिन उसने 2 हजार की डिमांड कर दी। मायादेवी का आरोप है कि ग्राम सचिव से लेकर ऊपर तक के अधिकारी सरकारी योजनाओं को देने के नाम पर रिश्वत ले रहे हैं। वहीं गांव में सैकड़ोंऐसे परिवार हैं, जो खुले में शौंच के लिए जा रहे हैं।ग्रामीण अरविंद ने बताया कि हमारे पास टाॅयलेट निर्माण के लिए पैसे नहीं हैं। बुजुर्ग मां को गोद में लेकर शौंच के लिए खेत में जाना पड़ता है।
हमें खुद लड़ना होगा
गांव के पृथ्वीसिंह ने कहा कि प्र्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से भ्रष्टाचार खत्म करने का बीणा उठाए हुए हैं, लेकिन प्रदेश में भ्रष्ट नौकरशाही के चलते उनके सपनें साकार नहीं हो रहे। ऐसे में हमलोगों को खुद खड़ा होना होगा। रिश्वत मांगने वालों सरकारी बाबुओं को अहिंसा के बल पर रास्ते पर लाना होगा। रामशंकर कहते हैं कि यदि हर इंसान संकप्ल कर कि रिश्वत नहीं देनी तो ये बीमारी खत्म हो जाएगी। कहते हैं, यूपी में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहराई तक पहुंच चुकी हैं। सफेदपोश और बड़े नौकरशाह मिलकर अब भी गरीबों के पैसों का बंदरबांट कर अपनी तिजोरी भर रहे हैं। इन्हें हमें ही रोकना होगा।
डीएम ने नहीं सुनी फरियाद
महिला ग्राम प्रधान रेनू सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ द्धारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ हमारी ग्रामपंचायत के ग्रामीणों को नहीं मिली। बताती हैं, हम खुद ग्रामीणों के साथ कई बार जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त के पास गई और गांव के विकास की फरियाद की। साथ ही विकास पर बाधा बनें सचिव अनिल कुमार शाक्य द्वारा रिश्वत की लिखित शिकायत भी की। लेकिन कार्रवाई तो छोड़िए जांच तक नही बैठाई गई।
सचिव का ट्रांसफर
नरवल एसडीएम रिजवाना खातून से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने ग्राम सचिव पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। सविच का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया गया है और बीडीओ को जांच सौंपी गई है। दोषी पाए जाने पर सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। मामले पर बीडीयो ने बताया कि 2 अक्टूबर के कारण जांच शुरू नहीं हो पाई। शुक्रवार को गांव जाएंगे और ग्रामीणों के बयानों के साथ विकास कार्यो की जांच कर रिपोर्ट जिलाप्रशासन को सौंप देंगे।