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चकत्तापुर की फरियाद सुनें सरकार, घर-टाॅयलेट और शिक्षा की दरकार

locationकानपुरPublished: Nov 17, 2019 01:12:05 am

Submitted by:

Vinod Nigam

बिल्हौर के सांभी ग्रामपंचायत के चकत्तापुर गांव में विकास नहीं होने से नाराज महिलाएं सीएम से मिलने के लिए पहुंची थी कानपुर, पुलिस-प्रशासन ने उन्हें रेलवे स्टेशन से भेज दिया घर।

चकत्तापुर की फरियाद सुनें सरकार, घर-टाॅयलेट और शिक्षा की दरकार

चकत्तापुर की फरियाद सुनें सरकार, घर-टाॅयलेट और शिक्षा की दरकार

कानपुर। जब हिन्दुस्तान में कमल का फूल खिला था तो बिल्हौर तहसील की सांभी ग्रामपंचायत के मजरे चकत्तापुर में परवीन के साथ सैकड़ों महिलाओं ने ढोलक की थाम पर गीत गुनगुनाए। उन्हें उम्मीद थी कि आजादी के 72 बरस के बाद शायद उनके दिन बहुरेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ग्रामीणों का दर्द अब नासूर बन गया है। ग्रामीण प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टाॅयलेट, घर, शिक्षा और रोटी की मांग कर सड़क पर उतर आए हैं और ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए अपनी आवाज बुलंद कर दी है।

क्या है पूरा मामला
बिल्हौर तहसील की सांभी ग्राम पंचायत के चकत्तापुर गांव में करीब 80 से 90 परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां की परवीन को आस थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ उसे घर, टाॅयलेट, बच्चों के लिए कलम-दवात और रोटी के लिए मजदूरी की व्यवस्था करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। परवीन का आरोप है कि ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने दलित और मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव कर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दे रहे। शिकायत करने पर जान से मारनी की धमकी देते हैं।

विकास के नाम पर बदहाली
चकत्तापुर के अंदर दाखिल होते ही गलियां लबालब पानी से भरी मिलेंगी तो वहीं कूड़े-कचरे के ढेर चारों तरफ लगे हैं और उनके आवारा मवेशी मुंह मार कर पूरे गांव को गंदा कर रहे हैं। अधिकतर ग्रामीणों के मकान कच्चे तो कुछ झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। बुजुर्ग महिला आरती देवी बताती हैं कि ईश्वर ने उनकी आंख की रोशनी छीन ली। बेटा गोद में लेकर खेत में शौेंच के लिए ले जाता है। प्रधान अशोक बेरिया के दर पर जाकर गुहार लगाई थी, पर उसने खाते में पैसे नहीं होने की बात कह कर टरका दिया।

डीएम साहब रहते हैं बिजी
परवीन ने बताया कि हमनें पहले एसडीएम बिल्हौर लक्ष्मी वीएस से जाकर प्रधान और सचिव की शिकायत की थी। उनसे घर, टाॅयलेट, बच्चों को शिक्षा और राशनकार्ड बनवाए जाने की मांग की, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। फिर हमनें कानपुर के डीएम विजय विश्वास को लिखित में अपनी समस्या से अवगत कराया। इसके बाद उन्हें एक नहीं दर्जन दफा फोन किया, पर डीएम साहब के पीआरओ की तरफ से हर दफा यही जवाब मिली की साहब बिजी हैं। पत्रिका ने जब इस प्रकरण पर डीएम को फोन लगाया तो परवीन का आरोप सही निकला। फोन रिसीब करने वाले अधिकारी ने डीएम साहब के व्यस्थ्य होने का हवाला देकर फोन कट कर दिया।

अब तो जान से मारने की धमकी
परवीन के साथ अन्य महिलाओं ने आरोप लगाते हुए बताया कि शिकायत से गुस्साए ग्राम प्रधान और सचिच शराब के नशे में धुत होकर अपने एक दर्जन साथियों के साथ हमारे घरों में धावा बोल दिया। मारपीट के साथ दोबारा शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। अगले दिन हमसभी थाने जाकर पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की, लेकिन थानेदार ने उल्टा हमें डांट-डपक पर भगा दिया। परवीन ने तहरीर की एक प्रति भी दिखाई।

सीएम से भी नहीं मिलने दिया
परवीन ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को कानपुर आ रहे हैं। इसी के कारण अन्य महिलाओं के साथ हम ट्रेन के जरिए कल्याणपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां पहले से मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हमें रोक लिया। हमसभी ने सीएम से मिलकर अपनी बात उन तक पहुंचाने को कहा। जिस पर एक अफसर ने हमसे शिकायती पत्र लेकर कहा कि तुम जाओ हम इसे सीएम तक पहंुचा देंगे। पुलिस ने हमें आनन-फानन में ट्रेन में बैठाकर रवाना कर दिया।

मुख्यंमत्री से मिलने जाऊंगी लखनऊ
परवीन के साथ अन्य महिलाओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वह पूरे प्रकरण की जांच कराएं। शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों को जिले से बाहर करें। परवीन ने कहा कि वह 25 नवंबर को लखनऊ जाएगी और मुख्यमंत्री से मिलकर पूरी दास्तां बयां करेगी। परवीन ने भाजपा विधायक भगवती सागर पर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामप्रधान और सविच के सिर पर इन्हीं का हाथ हैं। इसी वजह से शिकायत के बाद दोनों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई।

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