
कानपुर, शहर में करीब 12 बजे एकाएक बीएसएनएल की सारी सेवाएं ठप हो गई, जिसके चलते पूरे शहर में हड़कंप मच गया। करीब 12 लाख ग्राहकों के मोबाइल डेथ हो गए। बीएसएनएल के इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद गड़बड़ी पकड़ी, फिर कहीं जाकर नेटवर्क शुरू हो पाया। महाप्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि बीएसएनएल के सभी 800 बीटीएस (बेस ट्रांसमिशन स्टेशन) ट्रिप कर गए। जिसके चलते नेटवर्क सेवांए कुछ देर के लिए बाधित रहीं। अब नेटवर्क पूरी तरह से काम कर रहा है। वहीं बीएसएलएल में खराबी आने के चलते बैंक, अस्पताल और रेलवे के रिर्जवेशन काउंटर पर सर्वर ठप हो गया और वहां लोगों की लंबभ्लंबी कतारें लग गईं।
देररात तक चलता रहा काम
बीएसएनएल के माल रोड स्थित मेन एक्सचेंज का सॉफ्टवेयर दोपहर 12 बजे से ही दिक्कतें खड़ी करने लगा। करीब दो बजे अचानक शटडाउन हो गया। मेन एक्सचेंज ठप होते ही मोबाइल टावरों का आपस में संपर्क टूट गया। बीटीएस से सिग्नल का आदान-प्रदान बंद हो गया। इंजीनियरों ने करीब साढ़े पांच घंटे की कोशिश के बाद शाम साढ़े पांच बजे सिस्टम बहाल कर लिया। तकनीकी टीम के हेड ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अनजान वायरस की वजह से सिस्टम ठप हो गए थे। हार्डवेयर की दिक्कत नहीं थी। बीएसएनएल के इंजीनियर वायरस की जांच कर रहे हैं। टीम देर रात तक साफ्टवेयर के जरिए वायरस का पता लगाने का प्रयास करती रही।
एटीएम, रेलवे सेवाएं प्रभावित
बीएसएनएल के सभी उपभोक्ताओं के मोबाइल खिलौने बन कर रह गए। नेटवर्क न आने से बात करना तो दूर इंटरनेट भी नहीं चला। बीएसएनएल उपभोक्ताओं को दूसरी कंपनियों के फोन से काम चलाना पड़ा। बीएसएनएल के सर्वर से कनेक्ट निजी कंपनियों की मोबाइल सेवाओं पर भी असर पड़ा। साथ ही बैंकों, एटीएम, रेलवे, अस्पताल की सेवाओं पर भी जबरदस्त असर पड़ा। बैंकों में उपभोक्ताओं की भीड़ जमा हो गई। बैंक कर्मचारी भी करीब चार घंटे तक बिना काम के ऑफिस की कुर्सियों में बैठे रहे। विष्णुपुरी शाखा में अपनी बेटी के लिए पैसा ट्रांन्सफर करवाने के लिए आई अर्चना ने बताया कि दो घंटे तक हम बैंक में इसी इंतजार में बैठे रहे कि सर्वर ठीक हो जाएगा और हम पैसे बेटी तक भिजवा पाएंगे। पर ऐसा हुआ नहीं शाम चार बजे बैंक बंद कर दिया गया।
अस्पताल की सेवाएं भी रही प्रभावित
बीएसएनएल के नेटवर्क में गड़बड़ी आने से सबसे ज्यादा परेशानी अस्पालों को उठानी पड़ी। हैलट, उर्सला, कॉशीराम में अस्पताल के कांउटरों में लगे कम्प्यूटर नेटवर्क ठप होने के चलते बंद हो गए। जिससे यहां मरीजों के पर्च नहीं बन सके। इसी के चलते देररात तक इन अस्पतालों में मरीजों और तीमरदारों का जमावड़ा रहा। हमीरपुर से अपने मां का इलाज करवाने के लिए हैलट आए किसान रघुबीर ने बताया कि दोपहर 11 बजे के आसपास हैलट के काडंटर बंद कर दिए गए और मरीजों को घर जाने को कह दिया गया। पूछने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि सर्वेर ठप होने के चलते पर्च नहीं बन सकते। ऐसे कई तीमारदार अपने मरीजों के साथ अस्पताल में देररात तक सर्वर टीक का इंतजार करते हुए बैठे रहे।
Published on:
13 Feb 2018 01:07 pm
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