कल्याणपुर आवास विकास-१ में स्थित बाबा पशुपति नाथ का मंदिर शहर में रहने वाले ४० हजार नेपालियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर को नेपाली मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता है कि बाबा पशुपतिनाथ के पांच मुख सृष्टि के पंचतत्वों का प्रतीक हैं।
बताया जाता है कि शहर में नेपालियों की अच्छी खासी आबादी होने के चलते नेपालियों ने ही १९७८ में इस मंदिर की स्थापना की थी। यहां पर नेपाल स्थित बाबा पशुपति नाथ की फोटो भी है। नेपाली समाज के लोग इसी मंदिर में अपने विभिन्न संस्कार पूरे कराते हैं। इतना ही नहीं मंदिर में स्थित हवन कुंड में अग्रि स्थापना कर नेपाली वर-वधू फेरे लेते हैं।
मंदिर कमेटी के प्रस्ताव पर नेपाल के तत्कालीन राजा वीरेंद्र शाह ने पशुपति नाथ जैसा शिवलिंग बनवाने के लिए ३१००० रुपए दिए थे। मंदिर कमेटी ने जयपुर के कारीगरों को आर्डर देकर शिवलिंग तैयार करवाया था। १९९६ में इस मंदिर में शिवलिंग स्थापित कराया गया। मई महीने की १४ तारीख को इस मंदिर में हर साल स्थापना दिवस भी मनाया जाता है।
इस मंदिर में पिछले २० वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है। मान्यता है कि बाबा पशुपति नाथ में अखंड ज्योति जलाने से मनचाही मुराद पूरी होती है। श्रद्धा के अनुसार यहंा पर लोग ११, २१ और ५१ दिनों की ज्योति जलवाते हैं।