मतदाता घर से बहुत कम निकले
गोविंद नगर सीट पर सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया। पहले दो घंटे में मतदाता घर से बहुत कम निकले। जिसके कारण दो घंटे में महज 5.6 फीसदी ही वोट पड़े। मदताओं को बूथों तक लाने के लिए राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता जुटे हुए हैं तो वहीं प्रशासन भी आदर्श मतदान केंद्र बनाए हुए हैं। जहां पीने का पानी सहित अनके सुविधाएं मुहैया हैं।
115 बूथों पर फारी फोर्स
पुलिस और प्रशासन भी सुरक्षा पूरी तरह से मुस्तैद है। चैराहों और मतदान केंद्रों पर फोर्स मौजूद है। प्रेक्षक चंद्रकांत डांगे और जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत भी मतदान केंद्रों को दौरा कर रहे हैं। कंट्रोल रूम में कर्मचारी मतदाताओं की शिकायतों का समाधान करने के लिए तैनात हैं। यहां 17 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं और दो जोनल मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में 35 माइक्रोआब्जर्वर भी लगाए गए हैं। 115 संवेदनशील बूथों पर भारी फोर्स तैनात किया गया है, वहीं 35 बूथों पर वेब कैमरे लगाए गए हैं।
9 उम्मीदवार चुनाव के मैदान
गोविंद नगर सीट के उपचुनाव में नौ उम्मीदवारों बीच मुकाबला होगा। जिसमें प्रत्याशी से सुरेंद्र मैथानी, कांग्रेस के करिश्मा ठाकुर, बसपा के देवीप्रसाद तिवारी, समाजवादी पार्टी से सम्राट विकास सिंह यादव जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। वहीं पांच अन्य निर्दलीय, राकेश त्रिपाठी, डॉक्टर वीएन पाल, योगेंद्र अग्निहोत्री देवेंद्र कुमार सिंह सुरेंद्र कटियार भी चुनावी अखाड़े में हैं।
इनके जरिए डाल सकते वोट
मतदाता पहचान पत्र नहीं होने पर आयोग ने पहचान पत्र के 11 विकल्प दिए हैं। इनमें से किसी एक विकल्प का प्रयोग कर आप वोट दे सकते हैं। इन विकल्पों में पैनकार्ड और पासपोर्ट भी शामिल है।पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा का जॉब कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, बैंक और डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, मतदाता पर्ची, श्रम मंत्रालय की योजना में जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, राज्य, केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र का प्रयोग भी किया जा सकता है।
3 लाख 69 हजार मतदाता
गोविंदनगर में करीब 3 लाख 69 हजार 3 सौ 42 मतदाता हैं। जिसमें 1 लाख 60 हजार ब्राम्हण वोटर्स हैं। अनुसूचित जाति 50 हजार, पिछड़े वर्ग के 41 हजार, 21 हजार पंजाबी, 19 हजार, मुस्लिम मतदाता हैं। जबकि क्षत्रिय 13 हजार, वैष्य 9 हजार, सिंधी 14 हजार, अन्य 12 हजार 3 सौ 42 मतदाता हैं। ऐसे में सभी दलों की निगाहें यहां के सबसे अधिक मतदाता 1 लाख 60 हजार ब्राम्हण पर है।
पहले उपचुनाव में बालचंद मिश्र जीते
गोविंद नगर विधानसभा सीट पर दूसरी बार बाई-इलेक्शन होगा। पहली बार इस सीट पर उपचुनाव 2 बार कांग्रेस से विधायक रहे विलायतीराम कात्याल की हत्या हो जाने कारण हुआ था। कत्याल की 1988 में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उपचुनाव में भाजपा से बालचंद्र मिश्रा पहली बार विधायक बने थे। इसके पहले 1967, 1969, 1980, 1985, 2000 और 2007 में यहां से कांग्रेस जीती। 1989, 1991, 1993, 1996, 2012 और 2017के चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी काबिज रही। 1974 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और 1970 में जनता पार्टी ने यहां से चुनाव जीता था।
2012 से 2017 में पचैरी जीते
परसीमन के बाद गोविंद नगर सीट को दो हिस्सों में बांट दिया गया। जिसमें किदवईनगर से नई विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। 2012 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सत्यदेव पचैरी गोविंद नगर विधानसभा से 57,156 मत पाकर के विजयी हुए थे। वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस के डॉक्टर शैलेन्द्र दीक्षित को 44,779 मत मिले थे। 2017 के चुनाव में भाजपा सत्यदेव पचैरी को 1,12,029, कांग्रेस अंबुज शुक्ला 40,520, बीएसपी निर्मल तिवारी 28,795 को वोट मिले थे।