हिरण की कई प्रजातियों का है अनुमान असालतगंज वन ब्लाक 173 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। हालांकि कुल वन क्षेत्र के आधे हिस्से में ही वनीकरण है। वन अफसरों के अनुसार यह विलायत बबूल का एक छोटा जंगल है। जहां नजदीक निचली रामगंगा नहर, इटैली माइनर व मुनौरा बंबा होने से पेयजल की सहज उपलब्धता है। असालतगंज जंगल में काले हिरण का कुनबा खुलेआम विचरण करते हुए दिखना काफी अहम है। साथ ही अन्य हिरण प्रजाति चित्तीदार व चिंकारा कुनबा भी होने का अनुमान है। विलुप्त होने की कगार पर खड़े काले हिरण व अन्य प्रजाति को कोई नुकसान न हो, इसको लेकर अब वन अफसर सतर्क हो गए हैं। तय किया गया है कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन टीमें निगहबानी करेंगी।
शिकारियों का होता है भय संरक्षित वर्ग के हिरण कुनबे की जंगल में मौजूदगी को लेकर शिकार का भी बड़ा खतरा है। क्योंकि शिकारी भी शिकार की तलाश में रहते हैं। डीएफओ के मुताबिक असालतगंज जंगल में हिरण कुनबा बड़ा है। कई-कई हिरणों के झुंड सहज ही देखे जा रहे हैं। ये हिरण झुंड जंगल क्षेत्र में मवेशियों के साथ भी घूमते देखे जा रहे हैं। हिरणों की सुरक्षा के साथ ही संरक्षित वन्य जीव के प्रति ग्रामीणों व आसपास के लोगों को जागरूक किया जाएगा।