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इस पीसीएस अधिकारी के पास घड़ा लेकर पहुंची महिलाएं, देखिए कैसे छीन रही हैं अपना अधिकार

locationकानपुरPublished: Oct 18, 2017 08:51:04 am

महिलाओं का हुजूम देख सुरक्षाकर्मी सहित पूरा मुख्यालय परिसर दंग रह गया।
 
 

Water crisis problem in taraunda village sarvankheda kanpur dehat News

इस पीसीएस अधिकारी के पास घड़ा लेकर पहुंची महिलाएं, देखिए कैसे छीन रही हैं अपना अधिकार

कानपुर देहात. जहां सरकार गांव की समस्याओं को दूर करने के प्रयास कर रही है। ग्रामीणांचलों के लिये रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं जनपद कानपुर देहात के सरवनखेड़ा ब्लॉक के तरौंदा गांव की दर्जनों महिलायें पेयजल की किल्लत के चलते सिर पर खाली घड़ा रखकर मुख्यालय पहुंची। जहां उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी का घेराव किया। सिर पर घड़ा रख सीडीओ कार्यालय की तरफ बढ़ रही महिलाओं का हुजूम देख सुरक्षाकर्मी सहित पूरा मुख्यालय परिसर दंग रह गया। महिलाओं का कहना है कि अभी तक गांव में कोई हैंडपम्प नहीं लगवाया गया है। गांव में जो कुएं थे, वे भी सूख गये हैं। प्राईवेट नल जिन लोगों ने लगवाये थे, वाटर लेवल गिरने से उन नलों से पानी नहीं निकल रहा है। करीब एक वर्ष से ग्राम प्रधान से लेकर खंड विकास अधिकारी कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन पेयजल की समस्या का कोई निदान नहीं हुआ है। मनुष्य से लेकर पशु पक्षी भी पानी के अभाव में प्यासे मर रहे हैं।
पानी के अभाव में लोग बेहाल

इस आधुनिक युग में जहां लोगों के घरों में पानी की भरमार है। वहीं सरवनखेड़ा विकास खंड के तरौंदा गांव में पानी के अभाव में लोग बेहाल हैं। अपनी प्यास बुझाने के लिये गांव की महिलाओं को माती मुख्यालय पहुंच मुख्य विकास अधिकारी के सामने प्रदर्शन करना पड़ रहा है। गीता, सुशीला, रचना, रामकुमारी, आशा, दयावती, राधा, शिवदेवी, फूलमती, आरती, रेनू, पून, मोहिनी, कोमल आदि अन्य महिलाओं सहित रामबाबू, राकेश, राम शंकर व मोहनलाल आदि कई ग्रामीणों के अनुसार उनके गांव मे पीने के पानी की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि सरकारी योजना के अनुसार इंडिया मार्का नल दिये जाते हैं लेकिन हमारे गांव में कोई भी नल नहीं लगवाया गया है। इस वर्ष बारिश कम होने पर गांव में जो कुएं थे, वे भी सूख गये और जलस्तर गिरने से निजी नलों से पानी आना बंद हो गया है। छोटे-छोटे बच्चे प्यास से जब बिलबिलाते हैं तो प्यास बुझाने के लिये दूर दराज गांव से पानी लाना पड़ता है। कई बार प्रधान को समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गयी, जिससे समस्या ने अब भयावह रूप ले लिया है। मजबूरन हम लोगों को घर में रखे सूखे पानी के घड़े सिर पर रखकर पानी की मांग करने के लिये यहां आना पड़ा है।
मजबूरन छीनना पड़ेगा अधिकार

काफी देर तक महिलाओं ने विकास भवन में प्रदर्शन किया और खाली घड़े लेकर आवाज बुलंद की। आक्रोषित महिलाओं ने चेतावनी देते हुये कहा कि 15 दिन के अंदर पेयजल संकट अगर दूर नहीं किया गया तो उक्त लोग जिलाधिकारी व मंडलायुक्त कार्यालय जाकर घड़े लेकर प्रदर्शन करेंगी। इसके बाद धरना प्रदर्शन करेंगी। क्योकि अब कहीं कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिये मजबूरन अधिकार छीनना पड़ेगा प्यासे नही मरेंगे। इसके बाद ग्रामीणों ने सीडीओ केदारनाथ को ज्ञापन देकर अपनी मांग रखी है।
मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ ने बताया कि मामले में जल निगम के अधिशाषी अभियंता व सरवनखेड़ा खंड विकास अधिकारी को समस्या निदान कराने का निर्देश दिया गया है।

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