5 हजार परिवार प्रभावित
कानपुर में गंगा जलस्तर लगातार बढ़ने की वजह से कटरी के कई गांव में बाढ़ का पानी ने दस्तक दे दी है। जिसके चलते यहां के करीब पांच हजार परिवार जल प्रलह की चपेट में आ गए हैं और अपना घर-द्धार छोड़ कर दूसरे इलाकों में शरण लिए हुए हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के राहत शिविर बनाए हैं। यहां पर लोगों को भोजन और डॉक्टर्स के जरिए बीमारों की इलाज कराया जा रहा है। सबसे ज्यादा मार गंगा बैराज से सटे गंगा कटरी के नत्थापुरवा, लुधवाखेड़ा, चैनपुरवा में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। चैनपुरवा में जिनके घर ऊंचाई पर बने है वो तो सुरक्षित है लेकिन जो घर नीचे बने है वो बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। लोगो के घरो में रखा राशन व जरुरत का सामान बाढ़ के पानी में बह गया है।
डीएम सहित पूरा महकमा उतरा
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य के लिए डीएम विजय विश्वा सपंत व अन्य अलाधिकारी गांवों की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। चैतपुर गांव पहुंचे तहसीलदार विजय यादव का कहना है की तीन गांव और इससे जुड़े चार मजरे बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, लेकिन आबादी अभी सुरक्षित है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशाशन की तरफ से नावे लगा दी गयी हैं और खाने पीने की पूरी व्यवस्था की गयी है। अगर आवश्यकता पड़ेगी तो इन सभी लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया जायेगा। वहीं ग्राम प्रधान रवि निषाद ने बताया कि गांव बाढ़ से प्रभावित है कटरी इलाके के चार गांव पानी से घिर चुके है। बाढ़ के पानी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है अगर इसी तरह से पानी बढ़ता रहा तो लोगों का पलायन शुरू हो जायेगा। प्रधान का कहना है की यंहा पर तीन स्कूल है जिसमें से दो स्कूलों में पानी घुस गया है जिसकी वजह से स्कूलों की छुट्टी कर दी गयी है।
दो हजार बीघा फसल बर्बाद
गंगा के अलावा सहायक नदियों ने कहर ढा रखा है। सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। संपर्क मार्ग कटने से आवागमन ठप है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटीय इलाकों में दहशत पसरी है। गंगा के साथ पांडु के उफनाने से दो हजार बीघा फसल खराब हो चुकी है। साथ ही पांडु नदी का पानी मायापुरम, अंबेडकर नगर, बर्रा-8 वरुण विहार की बस्तियों में घुस गया। जिससे एक बार गृहस्थी गवां चुके लोगों के माथे पर िंचता की लकीरें नजर आने लगीं। लोगों का कहना था कि अगर 24 घंटे लगातार तेज बारिश हो गई तो यहां फिर से बाढ़ जैसे हालात हो जाएंगे। बीते दिनों तेज बारिश के बाद यहां बाढ़ आ गई थी। मायापुरम, अंबेडकर नगर, बनपुरवा, वरुण विहार, टिकरा आदि स्थानों में लोगों के कच्चे घर गिरने के साथ गृहस्थी बर्बाद हो गई थी। लोगों ने नहर किनारे सड़क पर तिरपाल और पन्नी बांधकर गृहस्थी का बचा सामान लेकर गुजर बसर शुरू की थी। धूप निकलने और पानी सूखने के बाद लोगों ने घरों में फंसा सामान निकालने के प्रयास शुरू किए थे।
शहरी इलाकों में भी जारी है पलायन
पांडु नदी का जलस्तर बढ़ने से मोहनपुरवा के पक्के मकानों और सड़कों पर भीषण जलभराव हो गया है। घरों के भीतर तक करीब 4 फुट पानी भर गया है। जिसके चलते यहां रहने वाले अधिकांश लोग पलायन करने में जुटे हैं। यहां रहने वाले इंस्पेक्टर कौशांबी में तैनात इंद्रपाल सिह का परिवार, अजय तिवारी, प्रेम चंद्र दुबे आदि विश्वबैंक निवासी संजय तिवारी के मकान में ठहरे हुए हैं। बाकी लोग आस पास ऊंचाई पर रहने वाले नाते-रिश्तेदारों के घर ठहरे हैं।मंगलवार देर रात हुई बारिश के बाद बस्तियों में फिर से पानी भर गया है, लगातार जलस्तर बढ़ने से लोग परेशान हैं। वरुण विहार से मेहरबान िंसह का पुरवा जाने वाले रास्ते पर दाहिने किनारे की मिट्टी धंसने के साथ बड़ी कटान हो गई है। जलस्तर लगातार बढ़ता रहा तो पुल के लिए खतरा हो सकता है। वहीं कटान के चलते सड़क भी धंस गई है।