कानपुर में पेयजल की समस्या के चलते सदन में जमकर हुआ हंगामा, विरोधी पार्षदों ने काम होने नहीं दिया
कानपुर। गर्मी आते ही शहर में पेयजल की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। जिसके चलते लोग सत्ताधारी और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के पास जाकर शिकायत करते हैं। पब्लिक की समस्या का निराकरण नहीं होने के चलते गुरूवार को नगर निगम स्थित सदन के अंदर कांग्रेस, सपा, बसपा और निर्दलीय पार्षद बाल्टी और मटका लेकर पहुंचे। पार्षदों ने पहले जमकर हंगामा किया और फिर मेयर प्रमिला पांडेय की कुर्सी के पास सारे मटके एक-एक कर फोड़ दिए। इससे नाराज होकर मेयर ने सदन को स्थगित कर वहां से निकल गई। सपा पार्षद हाजी सुहैल ने कहा कि भाजपा की केंद्र, राज्य व कानपुर में पूर्ण बहुमत की सरकार है, बावजूद चालीस लाख की आबादी समस्याओं से जूझ रही है। साउथ से लेकर शहर तक पानी की विकराल समस्या है। जिसके निराकरण की हमलोगों ने कईबार मांग की, लेकिन सीएम योगी के अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं। इसी से आजिज आकर हमने सदन में पानी के समान लेकर पहुंचे और मेयर से पेयजल व्यपस्था दुरूस्त कराए जाने की मांग रखी।
गुस्से से लाल मेयर सदन से चली गईपीने के पानी सहित कई समस्याओं से कानपुरिए ग्रसित हैं। सत्ताधारी दल के नेता शिकायत पर
ध्यान देते नहीं, वहीं अघिकारी पब्लिक को आश्वासन देकर टरका देती है। इसी के चलते विपक्ष के नेताओं को आगे आना पड़ा। नगर निगम सदन की गुरूवार को बैठक रखी गई। जिसमें विरोधी दलों के सभी पार्षद हाथों में बाल्टी, मटका और सुराही लेकर पहुंचे और जमकर हंगामा करने लगे। मेयर ने उन्हें शन्त कराए जाने की कोशिश की तो वह भड़क गए और उनकी कुर्सी के पास जाकर सारे मटके फोड़ दिए। पार्षदों के उग्र व्यवहार को देख मेयर प्रमिला पांडेय का पारा चढ़ गया और वह सदन से उठ कर चली गई। सपा पार्षद ने कहा कि हमारे इलाके में काफी दिनों से पीने के पानी की किल्लत है। वॉर्ड में सफाई की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। नगर निगम के कर्मचारी वार्डो के साथ भेदभाव कर रहे हैं। भाजपा नेताओं के इलाकों में पानी और साफ-सफाई करते हैं, वहीं दूसरे दलों के पार्षदों के इलाकों में कूड़े के ढेर लगे हुए है।
इसके कारण मटके लेकर आना पड़ाकांग्रेस पार्षद कमल शुक्ला ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर जल निगम को लिखित शिकायत की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद समाधान नही निकाला गया। जिसके चलते हमें मटके लेकर निगम कार्यालय पहुंचा पड़ा। कांग्रेसियों ने जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ ही जलकल विभाग को धमकी देते हुए कहा कि अगर पानी की समस्य़ा का समाधान नही किया तो इन सभी विभागों के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया जाएगा। पार्षद ने कहा कि अभी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या जो कि कानपुर के प्रभारी मंत्री हैं उनसे हमलोगों ने मिलने का समय मांगा पर अफसरों ने मिलने से रोक दिया। जनता अपनी समस्याएं लेकर हमारे पास आती है और खरी-खोटी सुनाती है। विरोधी दलों की मांग पर मेयर ने कहा कि जल्द ही कानपुर में पेयजल की समस्या ठीक हो जाएगी। साथ ही जिन वार्डो में सफाईकर्मी नहीं जाते उनके बारे में हमें लिखित में शिकायत दें, सभी पर सख्त कार्रवाई होगी
।सीएम के अफसर कर रहे भेदभावसपा पार्षद हाजी सोहेल ने बताया कि प्रदेश के सीएम सबका-साथ, सबका-विकास की बात करते हैं, लेकिन पिछले एक साल से कानपुर के एक वर्ग के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जिस वार्ड से हम पार्षद हैं, वहां आज भी गरीबों के लिए टॉयलेट नहीं बनवाए गए। लोग दूर-दराज से पानी लाने को विवश हैं। मुस्लिम इलाके कूड़े-कचरे के ढेर से पटे पड़े हैं। पार्षद ने कहा कि नगर आयुक्त अविनाथ सिंह शिकायज पर सिर्फ आश्वासन देकर टहला देते हैं। कहा, जिन क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछायी गई है वहा पर पानी का प्रेशर कम रहता है। जिससे पानी रहवासियों तक नहीं पहुच पाता। अगर पानी आता है तो करीब 20 मिनट ही आ पाता है।