सर्दियों में कम पानी का खतरा
जाड़े में प्यास न लगने से लोग कम पानी पीते हैं और इससे शरीर में पानी की कमी हो जा रही है। इसकी वजह से चक्कर, बेहोशी और ब्रेन अटैक का खतरा बढ़ रहा है। कानपुर में हैलट की न्यूरो ओपीडी में ब्रेन अटैक के लक्षण वाले डेढ़ सौ रोगी आए। इसके साथ ही लोगों को हार्ट की दिक्कत हो रही है। जबकि हार्ट अटैक से चार, ब्रेन अटैक से तीन और सीओपीडी से एक रोगी की मौत हो गई। रोगियों को गंभीर हालत में हैलट इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि इन मरीजों में पानी की कमी मिली।
जाड़े में प्यास न लगने से लोग कम पानी पीते हैं और इससे शरीर में पानी की कमी हो जा रही है। इसकी वजह से चक्कर, बेहोशी और ब्रेन अटैक का खतरा बढ़ रहा है। कानपुर में हैलट की न्यूरो ओपीडी में ब्रेन अटैक के लक्षण वाले डेढ़ सौ रोगी आए। इसके साथ ही लोगों को हार्ट की दिक्कत हो रही है। जबकि हार्ट अटैक से चार, ब्रेन अटैक से तीन और सीओपीडी से एक रोगी की मौत हो गई। रोगियों को गंभीर हालत में हैलट इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि इन मरीजों में पानी की कमी मिली।
कम से कम तीन लीटर पानी जरूरी
डॉ. कुणाल सहाय ने बताया कि जाड़े में प्यास न लगने पर लोग कम पानी पी रहे हैं। इससे दिक्कत हो रही है। इसलिए जाड़े में भी शरीर के लिहाज से कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीएं। मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि पानी की कमी से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो रहा है और रोगियों के गुर्दे फेल हो रहे हैं। हैलट इमरजेंसी में पांच रोगियों को अति गंभीर हालत में भर्ती किया गया है। जो पुराने रोगी हैं, उनकी हालत अधिक बिगड़ रही है। इसके अलावा लोग कम पानी पी रहे हैं। इससे भी डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं।
डॉ. कुणाल सहाय ने बताया कि जाड़े में प्यास न लगने पर लोग कम पानी पी रहे हैं। इससे दिक्कत हो रही है। इसलिए जाड़े में भी शरीर के लिहाज से कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीएं। मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि पानी की कमी से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो रहा है और रोगियों के गुर्दे फेल हो रहे हैं। हैलट इमरजेंसी में पांच रोगियों को अति गंभीर हालत में भर्ती किया गया है। जो पुराने रोगी हैं, उनकी हालत अधिक बिगड़ रही है। इसके अलावा लोग कम पानी पी रहे हैं। इससे भी डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं।