scriptमुख्यमंत्री जी नहीं जागे जनप्रतिनिधि और अधिकारी, बारिश के चलते डूब गई गरीबों की भैरौटी | waterlogging at various places as heavy rains lash in kanpur | Patrika News

मुख्यमंत्री जी नहीं जागे जनप्रतिनिधि और अधिकारी, बारिश के चलते डूब गई गरीबों की भैरौटी

locationकानपुरPublished: Sep 29, 2019 05:35:55 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

तीन सौ बच्चे मकान ढहे, फुटपाथ पर लोगा पका रहे रोटी, जलनिकासी की व्यवस्था नहीं कराए जाने पर फूटा लोगों का गुस्सा, दिया अल्टीमेटम।

मुख्यमंत्री जी नहीं जागे जनप्रतिनिधि और अधिकारी, बारिश के चलते डूब गई गरीबों की भैरोटी

मुख्यमंत्री जी नहीं जागे जनप्रतिनिधि और अधिकारी, बारिश के चलते डूब गई गरीबों की भैरोटी

कानपुर। पिछले कईदिनों से हो रही बारिश का सबसे ज्यादा असर नवाबगंज इलाके के भैरोटी में देखने को मिला। यहां करीब तीन सौ कच्चे मकान ढह गए हैं। जिसके चलते लोग अब फुटपाथ पर चूल्हा जलाकर रोटी पका रहे हैं। पीड़ितों ने मंत्री व स्थानीय विधायक नीलिमा कटियार, मेयर प्रमिला पांडय और नगर निगम को इस भवायह स्थित के बारे में जानकारी देकर मदद की गुहार लगाई, पर किसी ने गरीबों की फरियाद नहीं सुनी। जिससे लोगों का गुस्सा सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पर फूट पड़ा। जमकर प्रदर्शन करते हुए लोगों ने ऐलान कर दिया है कि यदि समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे।

तीन सौ घर ढहे
पिछले चार दिन से लगातार हो रही बारिश ने शहर का जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश के चलते नदियां व नहरें पूरी तरह उफान पर हैं, तो वहीं जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण मोहल्ले टापू बन गए हैं। नवाबंगज के भैरोटी मोहल्ले में बनें करीब तीन सौ कच्चे मकान ढह गए। जिसके कारण आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रहवासियों ने मदद के लिए शासन-प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन रविवार की सुबह तक कोई नहीं आया। जिससे नाराज होकर लोगों ने योगी सरकार व कल्याणपुर से भाजपा विधायक मंत्री नीलिमा कटियार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर 2022 में सबक सिखाने का ऐलान कर दिया।

किसी ने नहीं ली सुधी
भैरोटी में गरीब तबके के तीन से ज्यादा परिवार कच्चे मकानों में रहते हैं। हर वर्ष बारिश के चलते इनके मकान ढह जाते हैं। स्थानीय निवासी रामबाबू बताते हैं कि एक माह पहले हमलोग विधायिका व यूपी सरकार में मत्री निलिमा कटियार से मिले और इस साल पुरानी इस समस्या के बारे में बताया। मंत्री ने हमलोगों को आश्वासन दिया था कि जलनिकासी के लिए नालियों को निर्माण हम अपने खुद के फंड से करवाएंगे। लेकिन मंत्री का आश्वासन सिर्फ जुमलर साबित हुआ। रामबाबू का आरोप है कि, मेयर प्रमिला पांडेय, नगरनिगम के कमिश्नर और स्थानीय पार्षद को कईबार शिकायती पत्र देकर इस विकराल समस्या के समाधान की मांग की, पर किसी ने सुधि नहीं ली।

नहीं मिले टॉयलेट और घर
भैरोटी के लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फार्म लिए और जमा किए, पर किसी को एक घर नहीं मिला। इतना ही नहीं, महिला रश्मी देवी कहती हैं कि हमारी बस्ती के किसी भी व्यक्ति को एक भी टॉयलेट नहीं मिला। आज भी हमलोग बाहर शौंचक्रिया के लिए जाते हैं। अंजनी देवी ने बताया कि बस्ती में सड़क नहीं होने के कारण किचड़ से हमलोगों को निकलना पड़ता है। बच्चे और बुजुर्ग गिरकर घायल होते हैं। रामबाबू का आरोप है बस्ती के लोगों के साथ योगी सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि और अधिकारी भेदभाव करने के चलते हमें अभी तक एक भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला।

पुरानी बीमारी
पिन्टू बताते हैं कि बस्ती के पीछे एचबीटीआई और सीएसए शिक्षण संस्थान है। बारिश का पानी बहकर सीधे बस्ती के अंदर दाखिल होता है। पिंटू के मुताबिक ये समस्या 2007 से बदस्तूर बनी हुई है। कई सरकार आई और गई, लेकिन जलनिकासी के लिए किसी ने भी नालियों का निर्माण नहीं कराय। पिंटू बताते हैं पिछले साल पानी में गिरकर दो बच्चों की मौत हो गई थी। पिंटू ने बताया कि 2017 के चुनाव के वक्त खुद नीलिमा कटिया आई थीं और उन्होंने वादा किया था कि बस्ती की इस बीमारी को हम दूर करेंगे।

सीएम आवास के बाहर पकाएंगे रोटी
जलभराव से आहत होकर लोग हाथ में तख्तियां लेकर सड़क पर उतर आए। विधायिका के और सीएम योगी से फरियाद लगाते हुए बच्चों ने कहा कि हम गरीबों की सुनों। इस जलभराव से जान बचाएं। विरोध में पुरूषों के साथ महिलाओं ने भी भाग लिया। लोगों ने धमकी दी है कि यदि जलनिकासी नहीं होता तो हमसभी लोग सीएम योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर जाकर रोटी पकाएंगे। मामले पर जब नगर आयुक्त से बात की गई तो उनके पीआरओ ने मीटिंग की बात कह कर फोन काट दिया। जबकि मंत्री निलिका कटियार और मेयर ने फोन रिसीब नहीं किया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो