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पहाड़ों की बर्फीली हवाओं से छूटने लगी कंपकपी, प्रदूषण बढ़ने से उद्योग नगरी की सांस फूली

locationकानपुरPublished: Dec 05, 2019 12:48:26 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

सीजन की सबसे सर्दभरी रही बुधवार की रात, परा लड़का तो हवाओं की रफ्तार धीमी होने के कारण प्रदूषण बढ़ा, मौसम का हाल दिन पर दिन बदल रहा है।

पहाड़ों की बर्फीली हवाओं से छूटने लगी कंपकपी, प्रदूषण बढ़ने से उद्योग नगरी की सांस फूली

पहाड़ों की बर्फीली हवाओं से छूटने लगी कंपकपी, प्रदूषण बढ़ने से उद्योग नगरी की सांस फूली

कानपुर। पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में दिखने लगा है। बुधवार को सीजन की सबसे ठंडी रात के चलते लोग घरों के अंदर दुुबक गए। मंगलवार को जहां तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस था तो वहीं देररात पारा लुढ़ककर 8.6 पहुंच गया। मौसम के करवट बदलनें से आद्योगिक नगरी में प्रदूषण तेजी से बढ़ गया। पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर, 424 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया।

तापमान गिरा
सर्द हवाओं के कारण रात का तापमान 9.4 से गिरकर 8.6 डिग्री तक पहुंच गया, जो सामान्य से काफी कम है। सीएसए के मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में तापमान और गिरेगा, हवा के थमने से कोहरा छाएगा जो लोगों के लिए मुसीबत साबित होगा। उत्तर पच्छिम हवाएं ऐसे ही चलती रहीं तो सर्दी इसी तरह से बनी रहेगी।

बढ़ेगी ठिठुरन
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर नौशाद खान ने बताया कि आने वाले दिनों में दिन व रात दोनों के बीच तापमान गिरने के साथ उनका अंतर भी कम हो जाएगा। इस बार ठंड अधिक पडने व उसका असर भी लंबे समय तक रहने की संभावना है। हवा की गति बढने के साथ तापमान सामान्य गिरने की सूरत में शीत लहर चलने लगेगी। मौसम के मिजाज को देखते हुए शीत लहर चलने के आसार अब नजर आने लगे हैं।

कोहरे की मार
डाॅक्टर खान ने बताया कि अब तक हवा की रफ्तार 15 से 20 किमी प्रतिघंटा होने की वजह से कोहरे की स्थिति नहीं बन रही थी, क्योंकि तेज हवा के चलने से आसमान में बादल छाए रहने के बावजूद कोहरा नहीं बनता है। लेकिन मंगलवार से हवा की गति अपेक्षानुरूप धीमी रही। आसमान भी साफ रहा, इससे रात में कोहरा होने की आशंका बढ़ गई है। हवाओं की गति धीमी होने के चलते प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा है।

फिर बढ़ा पीएम
रात का तापमान तेजी से गिरा तो धूल-धुएं के बेहद बारीक कण भारी हो गए। जिसका परिणाम ये निकला कि धूल-धुएं के कणों का स्तर 424 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया। इसका न्यूनतम स्तर 71 रहा। रात के समय यदि तापमान इसी तरह रहा इसके कणों के संभावना अधिक बनी रहेगी। इस वक्त शहर की हवाओें में सल्फर डाइआक्साइड की मात्रा अत्यधिक है।

इन वजहों से भी बढ़ा पीएम
शहर में प्रदूषण बढ़ने के हवाओं की रफ्तार के साथ ही जिलाप्रशासन भी जिम्मेदार है। जल निगम और केस्को के स्तर से की जा रही बेतरतीब खुदाई प्रदूषण बढ़ा रही है। इन विभागों के अलावा स्थानीय प्रशासन ने भी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके इस प्रदूषण को रोकने की कोई कोशिश नहीं की है। सांस के माध्यम से लोगों के फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं। धीरे-धीरे यह शहरवासियों को बड़े खतरे में डाल सकते हैं। दीपावली के लिए पीएम 2.5 का स्तर 1166 पहुंचा था लेकिन तब आतिशबाजी एक वजह थी। पर अब खुदाई के कारण धूल के कण बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। धुएं के कण भी अधिक हैं।

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