Weather Update:देररात आंधी और तेज गर्जन के साथ हुई बारिश, फिहलात अभी इतनें दिनों तक कहर ढाएंगे मेघ
सीएसए के मौसम विभाग के अनुसार 4 से लेकर 5 मई के बीच बारिश के आसार, 11 मई के बाद आसमान से छटेंगे बादल।

कानपुर। देररात आंधी के साथ हुई तेज बारिश ने शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। गेहूं के साथ ही सब्जी की फसलें बर्बाद होने के साथ सैकड़ों पेड़ जमीदोज हो गए। पोल गिरने से बिजली आपूर्ति चरमरा गई। सीएसए के मौसम विभाग के अनुसार कुछ समय से अरब सागर से उठने वाली हवाओं की वजह से उत्तर भारत के क्षेत्र में हवा के कम दबाव वाला स्थान विकसित हो रहा है। इसकी वजह से मौसम में परिवर्तन देखा जा सकता है। आगामी 24 घंटे में बारसात के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। फिलहाल 11 मई तक आसमान में बादलों का डेरा रहेगा।
देररात हुई बारिश
देररात मौसम के बदलने से तेज आंधी और बारिश शुरू हो गई। करीब 30 से 35 किमी की रफ्तार से चली हवाओं ने खेतों में खड़ी और कटी गेहूं की फसलों को बर्बाद कर दिया तो वहीं आम की फसल को भी नुकसान हुआ है। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक चार और पांच मई को तेज हवा के साथ बारिश के आसार हैं। 50 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे से हवाएं भी चल सकती हैं। ऐसे में जिन किसानों के गेहूं की फसलें अभी खेतों में पड़ी है, उसे सुरक्षित कर लें।
पच्छिमी विक्षोभ सक्रिय
सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक 17 अप्रैल की शाम से एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ था जो 2 मई तक रहा। इसके बाद 3 की सुबह से फिर पच्छिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया। इसी के कारण बारिश के साथ ही 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर खान ने बताया शनिवार को शहर अधिकतम तापमान 33.2 और न्यूनतम तापमान 22.8 रिकॉर्ड किया गया। 30 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलीं। 11 मई के बाद पच्छिमी विक्षोभ के खत्म होने के बाद मौसम साफ होगा।
गेहूं के बाद आम की फसल बर्बाद
बेमौसम बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही गेहूं और आम की फसल पर मचाई है। अप्रैल से लेकर 3 मई के बीच हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जनपद के अभी ऐसे दर्जनों गांव हैं, जहां पर गेहूं की कटाई का कार्य चल रहा है। आंधी से कटी फसल उड़ गई तो वहीं जो खड़ी थी वह धराशाही हो गई। किसान राधेमोहन ने बताया कि इसवर्ष आम की अच्छी पैदावार होने का अनुमान था, लेकिन बारिश और आंधी के चलते सपने चकनाचूर हो गए।
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