इस वजह से हो रही बारिश
सीएएस के मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशान खान के मुताबिक गुजरात के तटीय इलाकों में और अरब सागर से एक साथ उठने वाली हवाओं की वजह से मानसूनी सक्रियता में इजाफा हुआ है। इसकी वजह से मध्य यूपी के साथ पूर्वी यूपी के जिलों में भारी बारिश हो रही है। जहां तेज बारिश से जगह-जगह कच्चे मकान ढह गए हैं तो वहीं नदियों का बढ़ रहा जलस्तर लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। घाटमपुर के अलावा कानपुर देहात के 35 से ज्यादा गांव बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों की जान पर बन आई है।
परेशानी का सबब बनीं बारिश
कानपुर में तीसरे दिन भी देर रात से बारिश शुरु हो गयी और शनिवार को सुबह घरों से निकले लोगों को खूब भिगोया। दोपहर तक शहर में बारिश की फुहारें बराबर होती रही और शहर में जलभराव हो गया। साउथ का पूरा इलाका बारिश के पानी से टापू बन गया तो घाटमपुर के यमुना पट्टी के गांव में जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त है। यातायात पूरी तरह लड़खड़ा गया और चैराहों-चैराहों पर जाम की स्थिति भी बन गई। बच्चे भीगते हुए स्कूल पहुंचे तो बड़ों को भी ऑफिस जाते समय परेशानी हुई।
805 मिमी बारिश
मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून शुरु होने पर जून से लेकर अब तक बारिश 805 मिमी से अधिक हो चुकी है जो सामान्य से अधिक है। विभाग के मुताबिक अंतिम चरण में मानसून सक्रिय होने के कारण मौसम ने करवट ली है। मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशाद खान ने शनिवार को बताया कि अभी माह के अंत तक मानसूनी बारिश होगी। यह कहीं अधिक तो कहीं औसत हो सकती है। बताया कि शनिवार सुबह से ही बारिश होने लगी जिससे तापमान गिर गया। फिलहाल बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और रुक रुककर बारिश होगी।
भीषण बारिश का अनुमान
डाॅक्टर नौशाद खान ने बताया कि सितम्बर माह में अब तक 245.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2003 में सितम्बर माह में 453 मिलीमीटर बारिश हुई थी, हालांकि अभी भी सितम्बर माह में दो दिन शेष हैं और इन दिनों भी भीषण बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि हवाओं की दिशाएं दक्षिणी पूर्वी रही और हवाओं की रफ्तार 6.1 किलोमीटर रही और कुल बारिश 38.4 मिलीमीटर दर्ज की गयी। बदलता मौसम का मिजाज धान की फसलों को छोड़कर सभी को नुकसान पहुंचाएगा। इस समय हो रही तेज बारिश से दलहनी फसलों का सबसे अधिक नुकसान होगा।