तेज हवा और ओलावृष्टि के साथ जमकर बरसे मेघ, अगले 72 घंटों के दौरान भारी बारिश का अलर्ट
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पश्चिमी विक्षोभ के चलते आसमान में घने बादल बने हुए हैं, कानपुर में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है, सीएसए के मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट।
Published: 07 Mar 2020, 03:17 PM IST
कानपुर। तेज हवा के साथ बेमौसम बारिश और ओले के चलते शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में त्राहिमाम हैं। खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है तो तेज रफ्तार से चली हवाओं ने पेड़ों को जमीदोज कर दिया। सीएसए के मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 20 साल के बाद मार्च माह में मेघों ने कहर बरपाया है। 10वीं बार पच्छिम विक्षोम के सक्रिय होने के चलते ऐसे हालात बनें। अगले 72 घंटे के दौरान बारिश, ओलावृष्टि के साथ ही वज्रपात होने की संभावना है।
देररात झमाझम बारिश
शुक्रवार की सुबह से आसमान में बादल मंडरा रहे थे। शाम के वक्त हल्की बूंदाबांदी हुई। रात करीब 11 बजे अचानक गरज-चमक के साथ तेज बारिश होने लगी। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि और तेज आंधी से चलने से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई तो सड़क के किनारे लगे पेड गिए गए। आंधी, पानी और ओले गिरने से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही कच्चे घर गिर जाने से बिल्हौर में एक महिला की मौत भी हो गई।
13 मिली बारिश
सीएसए के मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को करीब 13 मिमी बारिश हुई है। जबकि अधिकतम तापमान 25.6 ( - 2.5) तो न्यूनतम तापमान 15.8 ( ़2.8) डिग्री सेल्सियस मापा गया। अधिकतम आद्रता 79 तो न्यूनतम आद्रता 63 प्रतिशत रही। हवाएं 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलीं। मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक इस सप्ताह दिनांक 7 से लेकर 11 मार्च को हल्के बादल छाए रहने के साथ मध्यम बारिश की सम्भावना है। स्थानीय स्तर पर हवा के सामान्य से तेज गति से चलने के आसार हैं।
11वां पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय
डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक 2019 से लेकर मार्च 2020 तक पश्चिमी विक्षोभ 10वीं बार सक्रिय हुआ है। जो पिछले 20 वर्षों में कभी नहीं हुआ। डाॅक्टर खान के मुताबिक दो दिन बाद ही अगला पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। इसके चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर से बूंदाबांदी का दौर देखने को मिल सकता है। खास बात यह है कि बूंदाबांदी का दौर 10 तारीख की रात से शुरू होने की संभावना है। इससे दिन में लोग होली का त्योहार मना सकते हैं। होली के अगले दिन यानी 11 तारीख को भी बरसात होने की संभावना है।
होली के रंग को किया फीका
बेमौसम बारिश ने किसानों के होली के त्यौहार के रंग को फीका कर दिया है। ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है।खेतों में बर्बाद हुई अपनी फसल का मंजर देख किसान खून के आंसू रो रहा है और अब मदद के लिए एकटक सरकार की ओर देख रहा है। किसान संगठनों ने सरकार से प्रदेश में ओलावृष्टि और बरसात से फसल को हुए नुकसान की गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।
बीमरियों ने दी दस्तक
गर्मी के बाद तेज बारिश से मौसम में ठंड बढ़ी है। जिससे सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार से ग्रसित मरीज अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं। शनिवार को हैलट और उर्सला अस्पताल की ओपीडी में अधिकतर मरीज इन्हीं बीमारियों का इलाज करवाने के लिए पहुंचे। मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डाॅक्टर विकास गुप्ता के मुताबिक ये नारमल वायरल है। समय से इलाज के बाद इससे मरीज ठीक हो जाएंगे। होली के बाद मौसम बदलते ही इससे लोगों को राहत मिल जाएगी। शाम के वक्त बाइक चलाते समय कान-नाम ढक कर चलें। गर्मी कपड़े पहनें।
प्रदूषण से राहत
बरसात और तेज हवाओं ने कानपुर की हवा में घुले-मिले प्रदूषक कणों को काफी हद तक साफ कर दिया है। यहां की हवा इस साल अब तक के साफ-सुथरे स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शुक्रवार का वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को संतोषजनक श्रेणी में रखा जाता है। अगले दो दिनों के बीच भी हवा अपेक्षाकृत साफ-सुथरी बनी रहने का अनुमान है।
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