हवाओं के साथ झमाझम बारिश
मौसम में एक बार फिर करवठ बदलने से लोग दहशत में है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से कानपुर में शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। इसके अलावा आसपास के क्षेत्रों में भी तेज बारिश के साथ हवाएं चलीं। अचानक मौसम के बदले मिजाज से तापमान में थोड़ी गिरावट आई है। मौसम में बदलाव के संकेत गुरुवार शाम से ही मिल गए थे। आसमान में बादलों का डेरा जमने लगा था। रात में हवाओं की रफ्तार भी तेज हो गई थी। कोरोना वायरस को लेकर देश में लाॅकडाउन के बीच हुई बारिश ने अन्नादाता की कमर तोड़ कर रख दी है। खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। किसानों से सरकार से जल्द से जल्द आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है।
6 मिमी बारिश
सीएसए के मौसम विभाग के अनुसार बारिश होने के कारण अधिकतम तापमान 23.0 ( – 9.0) तो वहीं न्यूनतम तापमान 20.8(़1.8) डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 74 तो वहीं न्यूनतम आर्द्रता 91 प्रतिशत रही। हवाएं 6.4 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलीं। शुक्रवार को 6.0 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशाद खान के अनुसार आगामी सप्ताह में हल्के से मध्यम बादल छाए रहेंगे। तेज हवाओं के साथ 27 से 28 मार्च के बीच तेज बारिश होगी और कहीं-कहीं ओलावृष्टि और वज्रपाज की आसार हैं। स्थानीय स्तर पर हवा के सामान्य से तेज गति से चल सकती हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि खेतों में भरे पानी को निकाल दें और जल्द से जल्द फसल को काटकर सुरक्षित स्थान पर रखें।
इस वजह से हो रही बारिश
सीएसए के मौसम वैज्ञानिक की माने तो बार-बार मौसम में बदलाव के पीछे पच्छिम विक्षोभ है। इसी के कारण मैदानी और पहाड़ी इलाकों में मौसम में अचानक बदलाव आ जाता है। उनके मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ दरअसल भूमध्य सामगर के अतिरिक्त उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के रूप में पैदा होता है। इससे धुर्वीय इलाको में उच्च नमी के साथ अपेक्षाकृत गर्म हवा के एक क्षेत्र की ओर ठंडी हवा का प्रवाह होने लगता है। फिर इसके प्रभाव से आंधी, तूफान और बारिश होती है। यह सब बेमौसम होता है। डाॅक्टर खान बताते हैं 29 मार्च के बाद सक्रिय 11वां पच्छिमी विक्षोम खत्म हो जाएगा और फिर आसमान से बादल छट जाएंगे।