कड़के सर्दी
पिछले कई रोज से बारिश, ओलावृष्टि व ठंडी हवाओं के कारण पूरा जिला भीषण सर्दी की चपेट था। रही सही कसर कोहरे ने पूरी कर दी थी। रात्रि से दोपहर बाद तक घने बादल कोहरा छाया रहता था। पारे का उतार चढ़ाव जारी था।भीषण सर्दी के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। दिन ढलने के बाद ही कोहरा पांव पसारना शुरूकर देता तथा विजिबिलिटी लगातार गिरावट आ रही थी। आकाश में बादलों के साथ दोपहर तक कोहरा छाए रहने से वाहनों का संचालन तक भारी पड़ने लगा था। ठंड व शीतलहर के चलते लोग बेहाल थे, लेकिन मौसम ने करवट बदली और हालात पहले से बेहतर हुए।
सूरज ने दिए दर्शन
मंगलवार को इतनी चटख धूप निकली इससे लोगों की दिनचर्या बहाल हो गई। शुक्रवार को भी समय से सूरज दर्शन दिए और बच्चे समय से स्कूल पहुंचे। सरकारी कार्यालयों में भी अफसर व कर्मचारी अपने कक्ष-कक्ष में दिखे। जबकि हैलट, उर्सला और कार्डियालाॅजी में मरीजों की संख्या में कमी आई है। धूप के बाद बाजार गुलजार हुए तथा काफी संख्या में लोगों ने बाजारों में खरीदारी की। गांव देहात के ग्राहक भी बाजारों में पहुंचे। बारिश और ठंड का असर किचन पर पड़ा। प्याज के साथ सब्जियों के दाम आमसानों को छू रहे थे लेकिन धूप निकलनें से महिलाओं को राहत मिली है।
28-29 के बीच बूंदाबांदी
सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। 27 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। 28 व 29 जनवरी को बूंदाबांदी के आसार जताए हैं। डाॅक्टर खान ने बताया कि धूप की वजह से कानपुर का अधिकतम तापमान 19.8डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7.8 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 76 तो न्यूनतम आर्द्रता 44 प्रतिशत मापी गई। जबकि हवा की गति 10.3 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलीं। हवाएं उत्तर पश्चिम से चल रही हैं। आने वाले दिनों में हवा के सामान्य से तेज गति से चलने के आसार हैं। जिससे सुबह और शाम को ठंड व गलन सताएगी।
27 जनवरी से बदलेगा मौसम
सीएसए के मौसम विभाग के मुताबिक अनुसार 25-26 जनवरी को धुंध रहेगी। 27 जनवरी से मौसम बदलेगा। पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा। इसके चलते 28 व 29 जनवरी को कानपुर के आसपास के जिलों में कहीं-कहीं बरसात के आसार है। बताया, जनवरी माह में अब तक पांच पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं। 28 को पश्चिमी विक्षोभ आएगा। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक के अनुसार पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर शीतलहर के रूप में मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। इसी वजह से धूप निकलने के बावजूद ठंड का असर है।