इससे पहले 1985 में एक दिन में 165 मिमी बारिश हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार मानसून के 21 अक्टूबर की दोपहर तक सक्रिय रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि जोरदार बारिश की वजह से मौसमी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इनमें तिल, आलू, धान की तैयार फसलें और सब्जियां शामिल हैं। चंद्रशेखर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्थापित मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडे के अनुसार बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात की वजह से महानगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में बरसात हो रही है।