मोटापे से परेशान लोगों में सबसे ज्यादा कठिन होता है पेट की चर्बी को कम करना। कई लोग हैवी वर्कआउट के बावजूद पेट की चर्बी को कम नहीं कर पाते। ऐसे में उन्हें बेरियाट्रिक सर्जरी करानी पड़ती है, लेकिन यह बेहद खर्चीली होती है। इसलिए आम लोग इस सुविधा का लाभ नहंी उठा पाते। इस सर्जरी में दो से १२ लाख तक का खर्चा आता है, इस कारण केवल पैसे वाले ही यह सुविधा ले पाते हैं।
आज के दौर में मोटापा बड़ी समस्या है। मोटापे से पीडि़त लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आने-जाने में बेहद परेशानी होती है, लोगों की हंसी का पात्र बनना पड़ता है। वाहन पर चढऩे उतरने में भी दिक्कत होती है। इसके अलावा शरीर में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं। उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा होने से दिल की बीमारियां होने लगती हैं।
मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय काला ने बताया कि जिन लोगों का मोटापा दवाइयों और वर्कआउट से कम नहीं होता उन्हें सर्जरी करानी पड़ती है। हैलट में पहले यह सुविधा थी पर उपकरण खराब होने और बजट न मिलने से इसे बंद कर दिया गया था। अब शासन ने ढाई करोड़ का बजट मंजूर कर दिया है। जिससे यह सुविधा अब आम आदमी की पहुंच में आ गई है। जीएसवीएम पहला मेडिकल कॉलेज है जो यह सुविधा मुफ्त में दे रहा है।