scriptनागपंचमी को यहां सर्पों की पूजा के अलावा निभाई जाती है ये खास परंपरा | What is the reason behind beating dolls on Nagpanchami Festival | Patrika News

नागपंचमी को यहां सर्पों की पूजा के अलावा निभाई जाती है ये खास परंपरा

locationकानपुरPublished: Aug 13, 2021 05:03:10 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

-नागपंचमी त्योहार पर नाग की पूजा व गुड़ियों को पीटने की है प्रथा-यूपी के गांव व कस्बों में खासतौर पर यह परंपरा बखूबी निभाई जाती है

नागपंचमी को यहां सर्पों की पूजा के अलावा निभाई जाती है ये खास परंपरा

नागपंचमी को यहां सर्पों की पूजा के अलावा निभाई जाती है ये खास परंपरा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर देहात. सावन के माह (Sawan Month) की पंचमी को नागपंचमी त्योहार (Nagpanchami Festival) मनाने की परंपरा वर्षो से चली आ रही है। हिंदू धर्म में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। कानपुर देहात में भी नागपंचमी का त्यौहार प्राचीन रीति-रिवाजों के साथ मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में पौराणिक काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। खासतौर पर नागपंचमी के दिन नाग पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। हालांकि नागपंचमी के दिन एक अनूठी परंपरा भी निभाई जाती है, जिसमें कपड़े से निर्मित गुड़ियों को तालाब, नदियों व नहरों में रंग बिरंगे डंडों से पीटा जाता है।
गुड़िया पीटने की कुछ ऐसी है मान्यता

उत्तर प्रदेश में नागपंचमी के दिन एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। प्राचीनकाल से यह परंपरा गांवों में आज भी बखूबी निभाई जा रही है। गांव व कस्बों के तालाब व नहरों में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा देखने को मिला। इसमें बच्चे कपड़ों से निर्मित गुड़िया की विधि विधान से नहर तालब किनारे पूजा करके उनको जल प्रवाह करते हैं। इसके बाद युवाओं व किशोरों द्वारा रंग बिरंगे आकर्षक डंडों से उनको पिटाई की जाती है। इसके पीछे कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। कुछ वर्षों के बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की कन्या का विवाह राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में हुआ। विवाह के बाद उसने अतीत का यह राज एक सेविका को बता दिया।
राजा ने स्त्रियों को कोड़ों से पिटवाया था

कन्या ने सेविका से कहा कि यह बात किसी और को ना बताएं, लेकिन उससे रहा नहीं गया। उसने यह बात एक दूसरी सेविका को बता दी। इस तरह बात पूरे नगर में आग की फैल गई। जब यह बात राजा के पास पहुंचती है। तो उसको क्रोध आ जाता है। उसी समय तक्षक के राजा ने नगर की सभी स्त्रियों को बुलाकर चौराहे पर इकट्ठा करके सभी को कोड़ों से पिटवाकर उन्हें मरवा दिया। राजा को इस बात का गुस्सा था। कि औरतों को कोई बात हजम नहीं होती। इस वजह से उसकी पीढ़ी से जुड़ी अतीत की एक पुरानी बात पूरे साम्राज्य में फैल गई। मान्यताओं के अनुसार, तभी से यहां गुड़िया पीटने की परंपरा मनाई जा रही है।
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