बिकरू कांड में जिसकी रही सांठगांठ, अब उसी की निगरानी में होगी जांच
- बजरिया इंस्पेक्टर की अपराधियों से मिलीभगत हुई उजागर

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. बिकरू कांड में जिन इंस्पेक्टर की सांठगांठ रही, अब उनकी ही निगरानी में एक केस की जांच की जाएगी। केस के आरोपी भी वहीं हैं, जिनके साथ इंस्पेक्टर की मिलीभगत एसआईटी की जांच में उजागर हो चुकी है। जांच के बाद एसआईटी ने वर्तमान बजरिया इंस्पेक्टर राममूर्ति यादव को ही बिकरू कांड में दोषी ठहराया है। एसआईटी ने अपनी गहन जांच में पाया कि आरोपी जय बाजपेई से इंस्पेक्टर की सांठगांठ रही है। यही वजह रही कि आपराधिक इतिहास के बावजूद जय का शस्त्र लाइसेंस बन गया।
एसआईटी ने कहा कि जय के भाई रजय के साथ भी मिलीभगत के सुबूत मिले हैं। तीन दिन पहले एसआईटी की सिफारिश पर बजरिया थाने में जय के खिलाफ फर्जी शपथ पत्र देकर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई है। जांच तो दरोगा को दी गई है लेकिन इसका पर्यवेक्षण इंस्पेक्टर को ही करना है। एसआईटी ने जांच रिपोर्ट में जो भी सिफारिशें की हैं, उनको लेकर आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की। आईजी ने बताया कि 37 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करनी तय है।
तय समय में होनी है पूरी कार्रवाई
शासन से एसआईटी की रिपोर्ट मांगी गई है जिससे पता चल सके कि किस पुलिसकर्मी पर क्या आरोप हैं। उन्होंने डीआईजी व अन्य पुलिस अफसरों को निर्देश दिए हैं कि तय समय में कार्रवाई पूरी होनी है। चौबेपुर, नजीराबाद, बजरिया और नवाबगंज में कुल पांच नए केस बिकरू कांड से संबंधित दर्ज हुए हैं। ये केस फर्जी शपथ पत्र पर शस्त्र लाइसेंस लेने व फर्जी आईडी पर सिम लेने के हैं। आईजी ने बताया कि इसमें भी टीम गठित कर विवेचना कराई जाएगी। एसआईटी की जांच रिपोर्ट शासन से मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिन पर आरोप हैं उनको चार्ज से हटाया जाएगा। विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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