मंदिर के संरक्षक ने किये कई प्रयास बताते चलें कि शिवली कस्बे के प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर से 12 मार्च 2002 को श्रीकृष्ण, राधा व बलराम की अष्टधातु की तीन बड़ी मूर्तियां एवं लडडू गोपाल व राधा जी की दो छोटी मूर्तियां चोरों ने पार कर दी थीं। उस दौरान मंदिर के संरक्षक आलोक दत्त ने मसक्कत कर शिवली कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सक्रिय हुई पुलिस ने एक सप्ताह बाद चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियों को बरामद कर लिया था। बताया गया कि आलोक दत्त द्वारा कई बार कोतवाली व न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।
16 वर्षों से है मालखाने में कैद फिलहाल 16 वर्षों से कानूनी पचड़े में फंसी भगवान की ये मूर्तियां कोतवाली के मालखाने में बंद है। इसके बाद से भगवान के इस परिवार की किसी मंदिर में स्थापना नही हो सकी। हालांकि प्रतिवर्ष जन्माष्टमी आती है तो पुलिस कर्मी मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालते हैं और नवीन वस्त्र पहनाकर पूजन करते हैं। शिवली कोतवाल महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कानूनी पेंच के चलते मूर्तियों को रिलीज कर मंदिर में स्थापित नहीं कराया जा सका। उन्होने बताया कि पूर्व की भांति आज भी पुलिस कर्मी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस पर इन मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालकर पूजन कराएंगे।