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कानपुर

बिना किसी अपराध के यहां सजा काट रहे हैं श्रीकृष्ण, परिवार भी साथ में कैद, कलियुग की अनोखी दास्तान

इंसानों की तरह भगवान श्रीकृष्ण भी यहाँ 16 वर्षों से कैद हैं। कई बार लोगों ने प्रयास किया लेकिन कानूनी दांव पेंच के चलते उनको मुक्त नहीं कराया जा सका है। फिलहाल आज पुलिसकर्मी उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मना रहे हैं।

कानपुरSep 03, 2018 / 02:33 pm

Arvind Kumar Verma

krishna

बिना किसी अपराध के यहां सजा काट रहे हैं श्रीकृष्ण, परिवार भी साथ में कैद, कलियुग की अनोखी दास्तान

कानपुर देहात-अजीब दास्तां है इस युग की, जहां बिना कोई अपराध व सजा के स्वयं भगवान श्रीकृष्ण अपने परिवार समेत सजा काट रहे हैं। एक तरफ समूचे देश के लोग उनके जन्मदिवस की तैयारियों में जुटाकर खुशियां माना रहे हैं। वहीं मजबूर कृष्ण बड़े भाई बलराम, राधा व लड्डू गोपाल समेत शिवली कोतवाली के मालखाने में कैद हैं। सोलह साल बीत गए लेकिन अभी तक उनके रिहाई नसीब नही हुई। दरअसल 16 वर्ष पूर्व जिले के शिवली कोतवाली क्षेत्र के प्रसिद्ध राधा कृष्ण मंदिर से चोरी के दौरान ये मूर्तियां चोरी हुई थी। सप्ताह भर में चोर मूर्तियों सहित गिरफ्त में आ गए। कुछ समय बाद ही जमानत पर चोर तो रिहा हो गए लेकिन द्वापर के महारथी श्रीकृष्ण कलियुग के कानूनी दांव पेंच में फंसकर रह गए, जो आज भी कोतवाली के मालखाने में कैद हैं। हालांकि प्रत्येक वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पर्व आने पर कोतवाली का स्टॉप बड़ी धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाते हैं। कोतवाल मालखाने से ये मूर्तियां निकालकर स्नान कराते हैं और नए कपड़े पहनाकर विधि विधान से उनका जन्मोत्सव मनाते हैं।
मंदिर के संरक्षक ने किये कई प्रयास

बताते चलें कि शिवली कस्बे के प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर से 12 मार्च 2002 को श्रीकृष्ण, राधा व बलराम की अष्टधातु की तीन बड़ी मूर्तियां एवं लडडू गोपाल व राधा जी की दो छोटी मूर्तियां चोरों ने पार कर दी थीं। उस दौरान मंदिर के संरक्षक आलोक दत्त ने मसक्कत कर शिवली कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सक्रिय हुई पुलिस ने एक सप्ताह बाद चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियों को बरामद कर लिया था। बताया गया कि आलोक दत्त द्वारा कई बार कोतवाली व न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।
16 वर्षों से है मालखाने में कैद

फिलहाल 16 वर्षों से कानूनी पचड़े में फंसी भगवान की ये मूर्तियां कोतवाली के मालखाने में बंद है। इसके बाद से भगवान के इस परिवार की किसी मंदिर में स्थापना नही हो सकी। हालांकि प्रतिवर्ष जन्माष्टमी आती है तो पुलिस कर्मी मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालते हैं और नवीन वस्त्र पहनाकर पूजन करते हैं। शिवली कोतवाल महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कानूनी पेंच के चलते मूर्तियों को रिलीज कर मंदिर में स्थापित नहीं कराया जा सका। उन्होने बताया कि पूर्व की भांति आज भी पुलिस कर्मी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस पर इन मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालकर पूजन कराएंगे।
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